छत्तीसगढ़ के पूर्व CM अजीत जोगी की बहू ऋचा जोगी पर केस दर्ज, जाति प्रमाण पत्र नहीं था सही
अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री थे, भले ही वह आज इस दुनिया में नहीं हैं,लेकिन फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्र मामले में उनका परिवार आज भी पीस रहा है। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की बहू और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के
अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री थे, भले ही वह आज इस दुनिया में नहीं हैं,लेकिन फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्र मामले में उनका परिवार आज भी पिस रहा है। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की बहू और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी के खिलाफ गलत जाति प्रमाण पत्र पेश करने के प्रकरण में एआईआर दर्ज कर ली है।
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ऋचा जोगी ने खुद को अनुसूचित जनजाति की बताते हुए 2020 में यह जाति प्रमाण पत्र मरवाही उपचुनाव के समय शासन के समक्ष प्रस्तुत किया था। राज्य स्तरीय जाति छानबीन समिति ने ऋचा जोगी के विरुद्ध मुंगेली के सिटी कोतवाली थाने में प्रकरण दर्ज कराया है। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद साल 2020 में खाली हुई मरवाही विधानसभा सीट में हुए उपचुनाव में जोगी परिवार की तरफ से अपनी दावेदारी पेश करते हुए ऋचा जोगी ने नामांकन दाखिल करते समय ऋचा रूपाली साधु के नाम से जाति प्रमाण पत्र पेश किया था। किन्तु सरकार की उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने जून 2021 को ऋचा जोगी के गोंड अनुसूचित जनजाति के स्थायी प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया था। उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति के अध्यक्ष डीडी सिंह ने कहा था कि समिति ने सभी पक्षों की सुनवाई करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि ऋचा जोगी के पिता ईसाई थे।
अजीत जोगी के पुत्र और जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी के विरुद्ध सहायक आयुक्त एल आर कुर्रे ने जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण दर्ज कराया है। शिकायत में बताया गया है कि शादी से पहले उनका नाम ऋचा रुपाली साधु था,जिन्होंने अवैध तौर पर अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र तैयार कर इसे इस्तेमाल किया है, इसलिए ऋचा के विरुद्ध सामाजिक प्रस्थिति प्रमाणीकरण अधिनियम 2013 की धारा 10 के तहत अपराध क्रमांक 651 दर्ज किया गया है। मुंगेली जिले के जरहागांव तहसील के पेंड्रीडीह गांव से ऋचा जोगी को अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र जारी किया गया था। इस संदर्भ में शिकायत मिलने पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने विस्तृत से जांच करने के बाद 23 जून 2021 को रिपोर्ट दायर करके ऋचा जोगी के सर्टिफिकेट को अवैध बताते हुए उसे निरस्त करने के लिए आदेशित किया गया था।इससे पहले छत्तीसगढ़ सरकार की उच्च स्तरीय जाति प्रमाणपत्र छानबीन समिति पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के जीवित रहते उनका भी प्रमाणपत्र खारिज कर चुकी है।