मां बाप की शादी ने छीना बचपन, कोरोना ने किया मां से दूर, बोला,नही रहूंगा पापा के साथ
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में 14 साल के एक बच्चे ने कोर्ट के सामने कहा कि उसके पापा मां को टार्चर करते थे,इसलिए वह अपने पापा के साथ नहीं रहना चाहता है ।
बिलासपुर,
25
अगस्त।
रिश्तो
को
सहेजकर
रखना
बेहद
जरुरी
है,
नहीं
तो
कभी
न
कभी
किसी
मुकाम
पर
पहुंचकर
अफ़सोस
होता
है।
इस
बात
को
समय
रहते
ना
समझ
सके
एक
पिता
को
आज
अपनी
संतान
से
हमेशा
के
लिए
दूर
होना
पड़
रहा
है।
दरअसल
मिली
जानकारी
के
मुताबिक
छत्तीसगढ़
हाईकोर्ट
में
14
साल
के
एक
बच्चे
ने
कोर्ट
के
सामने
कहा
कि
उसके
पापा
मां
को
टार्चर
करते
थे,इसलिए
वह
अपने
पापा
के
साथ
नहीं
रहना
चाहता
है
।
बिलासपुर
हाईकोर्ट
में
हुई
एक
सुनवाई
के
दौरान
एक
बच्चे
की
भावुक
कर
देने
वाली
कहानी
सामने
आई
है।
बच्चे को पाने अदालत पहुंचा पिता
14 साल के बच्चे का कहना है कि वह अपने सौतेले पिता और नाना-नानी के साथ रहना चाहता है ,उसे उसके पिता के साथ नहीं रहना है। बताया जा रहा है कि एक युवक ने अपनी पत्नी के जीवित रहने के दौरान ही तलाक दे दिया गया था। इतना ही नहीं उसने अपने नन्हे से बेटे को छोड़कर दूसरा विवाह कर लिया था। एक वक़्त गुजर जाने के बाद उसने अपनी तलाकशुदा पत्नी के गुजर जाने के बाद उसने पुत्र को पाने के लिए हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी। लेकिन बच्चा अपने पिता के बर्ताव को भूला नहीं था। अदालत ने बच्चे की राय जानने के बाद याचिका खारिज कर दी।
पत्नी को करता था प्रताड़ित, फिर कर ली दूसरी शादी
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के जगदलपुर की एक महिला की वर्ष 2004 में मुंबई में रहने वाले युवक से शादी हुई थी। तीन वर्ष बाद उनका एक बेटा हुआ। बच्चे के जन्म के बाद से ही पति-पत्नी में आए दिन विवाद होता रहा। युवक अपनी पत्नी को बेहद प्रताड़ित करता था। इस झगडे को एक मुकाम देते हुए 15 साल बाद साल 2019 में पति-पत्नी ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया। तलाक के बाद ही युवक ने किसी और महिला से शादी कर ली।
महिला की मौत के बाद जगा पुत्र प्रेम
तलाक लेने के बाद युवक ने अपनी पहली और बेटे पर कभी ध्यान नहीं दिया। वह अपनी संतान की जिम्मेदारी से भी दूर रहा।इसी दौरान अपने बच्चे को पाल पास रही महिला ने भी बेटे को परिवार देने के लिए शादी कर ली। महिला ने बेटे और दूसरे पति के साथ अपने मायके में रहना शुरू कर दिया,लेकिन दुर्भाग्य से 2021 में कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर महिला की मौत हो गई।
पहली पत्नी की मृत्यु की खबर मिलने के बाद 14 वर्ष के बेटे के पिता का प्रेम जाग गया। बच्चे को वापस पाने के लिए पहले उसने सास-ससुर से संपर्क किया, लेकिन, मासूम के नाना-नानी ने मना कर दिया। जिसके बाद पिता ने कानून की शरण में जाते हुए बेटे की कस्टडी के लिए उच्च न्यायलय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई।
पिता का तोहफा भी नहीं लिया
इस
प्रकरण
की
सुनवाई
करते
हुए
चीफ
जस्टिस
अरूप
कुमार
गोस्वामी
की
खंड
पीठ
ने
बच्चे
को
अदालत
में
पेश
करने
का
आदेश
दिया।
बुधवार
को
सुनवाई
के
बीच
बच्चे
को
अदालत
में
प्रस्तुत
किया
गया।सुनवाई
के
दौरान
बच्चे
से
पूछा
गया,
तो
उसने
अदालत
में
कहा
कि
उसको
अपने
नाना-नानी
और
दूसरे
पिता
के
साथ
ही
रहना
है,क्योंकि
उसके
पहले
पिता
उसकी
मां
को
प्रताड़ित
करते
थे।
बच्चे
की
राय
जानने
के
बाद
कोर्ट
याचिका
खारिज
कर
दी।
हाईकोर्ट
के
फैसले
से
निराश
पिता
ने
कहा
कि
वह
अपने
बेटे
के
लिए
तोहफा
लेकर
आए
हैं।
लेकिन,
बच्चे
ने
लेने
से
भी
इंकार
कर
दिया।
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