Suckermouth Catfish Bihar: फिर मिली अमेरिका में पाई जाने वाली विचित्र मछली, सताने लगा ये डर
स्थानीय मछुआरे नें बताया कि गंडक से छोटी सी रोहुआ नदी निकली है, यह पतिलार से गुजरती है, उसी नदी सोमवार की शाम 4 बजी सकरमाउथ कैटफिश मिली। उन्होंने बताया कि गंडक नदी में मछली मारने के लिए जाल बिछाया था, जिसमे सकरमाउथ...
चंपारण, 5 अक्टूबर 2022। (Suckermouth Catfish Bihar) अमेरिका में पाई जाने वाली सकरमाउथ कैटफिश बगहा में फिर मिली है। सोमवार के दिन चंदरपुर-रतवल पंचायत (बगहा प्रखंड) की रोहुआ नदी में विचित्र मंछली मिली। मछुआरे ने बताया कि वह लोगो मछली मारने गए थे इस दौरान सकरमाउथ कैटफिश मिली। बार-बार बगहा में दुर्लभ मछली मिलना इलाके लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं एक्सपर्ट की मानें तो यह मछली पारिस्थितिकी तंत्र के लिए ख़तरा है। क्योंकि यह मछली जलीय जीव का शिकार कर खुद को ज़िदा रखती है। इस तरह से अगर इस मछली की तादाद बढ़ती रही तो भारतीय नदियों के लिए यह बहुत ही खतरा पैदा कर सकती है।
भारतीय नदियों में मांसाहारी मछली
स्थानीय मछुआरे नें बताया कि गंडक से छोटी सी रोहुआ नदी निकली है, यह पतिलार से गुजरती है, उसी नदी सोमवार की शाम 4 बजी सकरमाउथ कैटफिश मिली। उन्होंने बताया कि गंडक नदी में मछली मारने के लिए जाल बिछाया था, जिसमे सकरमाउथ कैटफिश फंस गई। देखने में विचित्र थी इसलिए उसे साथ लेकर चले आए, जब ग्रामीणों ने देखा तो पता चला कि यह दुर्लभ मछली सकरमाउथ कैटफिश है जो अमेरिका के अमेज़न नदी में पाई जाती है। वहीं स्थानीय लोगों ने कहा कि इससे पहले भी यह मछली मिली थी तो लगा था कि गलती से आ गई होगी। अब लगातार यह मांसाहारी मछली नदियों में मिल रही है जो कि चिंता का विषय है।
मांसाहारी होती है सकरमाउथ कैटफिश
बगहा के हरहा नदी में इससे पहले चार आंख वाली सकरमाउथ कैटफिश मिली थी। बनचहरी गांव के पास हरहा नदी में मछुआरे मछली मारने गए थे। इस दौरान उनके जाल में अजीबो गरीब मछली फंसी थी। चार आंखों वाली मछली फंसने की खबर सुनकर मछली देखने के लिए भीड़ इकट्ठा हो गई थी। वहीं कमलेश मौर्या (एरिया कोऑर्डिनेटर, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) ने बताया था कि सकरमाउथ कैटफिश मांसाहारी है। चंपारण में बहने वाली नदियों के लिए यह मछली बहुत ही खतरनाक है जो कि चिंता का विषय है। वहीं ग्रामीणों ने कहा कि अगर यह ज्यादा बड़ी हो गई तो इंसानों का भी शिकार कर सकती है।
अमेज़न नदी में पाई जाती है सकरमाउथ कैटफिश
कमलेश मौर्य ने बताया कि सकरमाउथ कैटफिश अमेरिका की अमेज़न नदी में पाई जाती है। भारत की नदियों में इन मछलियों का बसेरा नहीं है, अब भारतीय नदियों में यह मछली पाई जा रही है जो कि चिंता का विषय है। डब्ल्यूटीआई के सुब्रत लेहरा ने भी सकरमाउथ कैटफिश के मिलने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि सकरमाउथ कैटफिश मांसाहारी मछली है जो कि भारतीय नदियों के तंत्र को प्रभावित कर देगी। हज़ारों किलोमीटर दूर पाई जाने वाली सकरमाउथ कैटफिश पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा है।
एक्वेरियम में पालते हैं सकरमाउथ कैटफिश
कमलेश मौर्य की मानें तो लोग एक्वेरियम में इस मछली को पालते हैं क्योंकि यह बिल्कुल अलग दिखती है। एक्वेरियम में यह काफी छोटी होती है, जो कि देखने में अच्छी लगती है। नदी में सकरमाउथ कैटफिश का मिलना खतरे की निशानी है। ऐसा लग रहा जैसे किसी ने एक्वेरियम से इस मछली को नदी में छोड़ दिया है, जिसकी वजह से इसका आकार बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि साधारण तौर पर नदी में इस मछली के मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। यह बड़ा सवाल है कि हज़ारों किलोमीटर दूर अमेजन नदी ( साउथ अमेरिका) से सकरमाउथ कैटफिश बिहार कैसे पहुंच गई।
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