आज सीता जन्मोत्सव: श्री राम की बारात रुकी थी यहां, अब बन रहा दुनिया का विशाल राममंदिर
चंपारण। आज सीता जन्मोत्सव है। पुराणों के अनुसार, त्रेता युग में वैशाख महीने के शुक्लपक्ष के नौवें दिन यानी नवमी तिथि को ही सीताजी का प्राकट्य हुआ था। धर्मग्रंथों में वर्णन है कि श्रीराम और सीता जी का जन्म एक ही नक्षत्र में हुआ। सीताजी को राजा जनक ने पाला और उन्होंने ही उनका नाम सीता रखा था। सीताजी दिव्यजन्मा थीं, इसलिए बहुत जल्द युवा हो गईं। हालांकि, जिस वक्त सीताजी का श्रीराम से विवाह हुआ तब उनकी आयु महज 6 वर्ष थी।
सीता जयंती विशेष: यहां रुकी थी श्रीराम की बारात
आज सीता नवमी के अवसर पर हम आपको देवी सीता और भगवान श्रीराम से जुड़ी रोचक कहानी बता रहे हैं। धर्मग्रंथों के अनुसार, जब सीताजी का विवाह हुआ, उनका जनकपुर अयोध्या से कोसों दूर था। अयोध्या से श्रीराम की बारात आज के बिहार के के पूर्वी चंपारण से होते हुए जानकीनगर गई थी।मान्यता हैं कि जनकपुर से लौटते समय श्रीराम की बारात यहां रुकी भी थी। अब इसी जगह पर दुनिया के सबसे विशाल राम मंदिर का निर्माण हो रहा है।
अब बन रहा दुनिया का सबसे विशाल राम मंदिर
पटना स्थित महावीर मंदिर ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया कि, श्रीराम की नगरी अयोध्या से राजा जनक के जनकपुर तक राम-जानकी मार्ग बन रहा है, और यह मार्ग इसी स्थान (पूर्वी चंपारण) से होकर गुजरेगा, जहां दुनिया के सबसे विशाल राम मंदिर का निर्माण हो रहा। इस मंदिर को विराट रामायण मंदिर नाम दिया गया है। ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि, इस मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित होगा।
ये होंगी विराट रामायण मंदिर की विशेषताएं
विराट रामायण मंदिर का थ्री-डी मॉडल जारी किया जा चुका है। यहां तस्वीर में आपके समक्ष रामायण मंदिर के थ्री-डी मॉडल की पहली तस्वीर पेश की गई है। मॉडल के अनुसार, यह मंदिर 270 फीट ऊंचा होगा, जो हिन्दू मंदिर के दृष्टिकोण से विश्व में सर्वाधिक है। इसकी लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट होगी। इस मंदिर में 15 शिखर होंगे और सबसे ऊंचे शिखर की ऊंचाई ही 270 फीट होगी।
125 एकड़ भूमि में फैला होगा मंदिर परिसर
यह पूरा मंदिर 125 एकड़ क्षेत्र में बनेगा। इस मंदिर परिसर के तीन तरफ सड़क बनाई जा रही है। इस मंदिर को बनाने का जिम्मा महावीर मंदिर ट्रस्ट ने नोएडा की कंपनी एसबीएल कंस्ट्रक्शन को सौंपा है। महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव का कहना है कि, भगवान श्रीराम का यह बड़ा अद्भुत मंदिर होगा। चारों ओर हरियाली फैली होगी और श्रद्धालुओं के लिए भी कई तरह की व्यवस्थाएं होंगी।
यहां विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग भी होगा
विराट रामायण मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित किया जाएगा, उसकी ऊंचाई भी काफी ज्यादा होगी। ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल का कहना है कि, इस मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि, ब्लैक ग्रेनाइट से बने 250 टन वजनी शिवलिंग की ऊंचाई 33 फीट होगी। इस शिवलिंग का निर्माण तमिलनाडु के महाबलीपुरम में कराया जा रहा है।
500 करोड़ आएगी इस मंदिर की लागत
इस मंदिर के निर्माण-कार्य में 500 करोड़ खर्च हो सकते हैं। जो थ्री-डी मॉडल पेश किया गया है, उसी तरह का मंदिर बना तो इतने करोड़ खर्च होने का अंदाजा लग भी रहा है। इसके अलावा यहां कई सड़कें तथा अन्य परिसर भी बनाए जाएंगे। मंदिर परिसर ही 100 एकड़ से ज्यादा भूमि पर फैला होगा।