बिहार: PM मोदी से प्रेरित ‘आत्मनिर्भर चायवाली’ दे रही ‘ग्रेजुएट चायवाली’ को टक्कर, जानिए कौन हैं मोना पटेल
मोना पटेल की शिक्षा की बात की जाए तो उन्होंने बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशन (बीसीए)की पढ़ाई की है। मोना पटेल से जब यह सवाल पूछा गया कि उन्होंने पढ़ाई करने के बाद नौकरी क्यों नहीं की जो चाय का स्टॉल खोल लिया।
पटना, 18 अगस्त 2022। बिहार में ग्रैजुएट चायवाली के बाद अब आत्मनिर्भर चायवाली सुर्खियां बटोर रही है। लोग तो यह कहने लगे हैं कि पीएम मोदी से प्रेरित मोना पटेल अब ग्रैजुएट चायवाली को टक्कर दे रही है। जिस तरह से ग्रैजुएट चायवाली रातों रात सुर्खियों में छा गई थी। ठीक उसी तरह अब आत्म निर्भर चायवाली की चर्चा ज़ोरों पर है। पटना में ग्रेजुएट चाय वाली के बाद आत्मनिर्भर चायवाली मोना पटेल सुर्खियां बटोर रही हैं। हाल ही में चिराग पासवान ने भी आत्मनिर्भर चायवाली के चाय का ज़ायका लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बहन मोना पटेल ने आत्मनिर्भर बनने के लिए चाय दुकान खोलकर नौजवानो के लिए मिसाल पेश की है।
चिराग पासवान ने भी ली चाय की चुस्की
चिराग पासवान ने कहा कि प्रदेश के हर नौजवानों को मोना पटेल से सीख लेनी चाहिए। उन्होंना कहा कि आत्मनिर्भर चाय वाली मोना पटेल पूरे देश में ब्रांड बनेगी और हर जगह उनकी चर्चा होगी। बिना किसी की मदद के मोना पटेल संघर्ष करते हुए आगे बढ़ रही हैं, मुझे उनपर गर्व है। सुर्खियों में छाने के बाद हर कोई मोना पटेल के बारे में जानना चाह रहा है। आइए जानते हैं कौन हैं मोना पटेल(आत्मनिर्भर चाय वाली) जो ग्रैजुएट चाय वाली को टक्कर दे रही हैं।
परिवार को बिना बताए शुरू किया व्यापार
मोना पटेल की शिक्षा की बात की जाए तो उन्होंने बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशन (बीसीए)की पढ़ाई की है। मोना पटेल से जब यह सवाल पूछा गया कि उन्होंने पढ़ाई करने के बाद नौकरी क्यों नहीं की जो चाय का स्टॉल खोल लिया। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बीसीए की पढ़ाई के बाद सिर्फ 15 हजार रुपये की नौकरी मिली थी। इतने कम वेतन में काम करने से अच्छा कोई व्यवसाय करना ही था। इसलिए उन्होंने चाय की दुकान ही खोल ली। मोना ने बताया कि परिवार वाले को बिना बताए ही उन्होंने चाय दुकान खोलने का सोचा और पटना के गांधी मैदान के पास टी स्टॉल लगाने लगी।
पीएम मोदी से प्रेरित होकर खोली चाय दुकान
मोना पटेल ने कहा कि उन्हें पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना से प्रेरणा मिली है। पटना के जेडी महिला कॉलेज से 2021 में बीसीए के नौकरी मिली जिसमें सिर्फ़ 15 हज़ार रुपये ही मिल रहे थे। नौकरी में मन नही लगा तो उन्होंने ग्रेजुएट चायवाली को देखते हुए खुद भी चाय स्टॉल लगाने की ठानी। मोना ने बताया कि वह आगे एमसीए की पढ़ाई करेंगी। आगे की पढ़ाई के लिए वह चाय की दुकान से पैसे भी इकट्ठा कर रही हैं।
1 हज़ार से 1500 रुपये रोज़ाना इनकम
मोना के परिवार की बात की जाए तो वह बिहार के समस्तीपुर की रहने वाली हैं। उनके पिता पिता एक निजी स्कूल में बतौत शिक्षक कार्यरत हैं। उन्होंने पूर्णिया में अपनी नानी के घर रहकर पढ़ाई की। फिर उन्होंने बीसीए के लिए पटना का रुख किया और वहां पढ़ाई जारी रखी। आपको बता दें कि पटना के गांधी मैदान के पास आत्मनिर्भर चाय वाली का टी स्टॉल अभी सुर्खियों में है। उनके पास बने कुल्हड़ चाय, मसाला चाय और पान चाय को ग्राहक काफी पसंद कर रहे हैं। उनके पास 10 रुपये से 20 रुपये तक की कीमत वाली चाय मिल रही है। वहीं उनके इनकम की बात की जाए तो हर रोज 1 हज़ार से 1500 सौ रुपये वह कमा ले रही हैं।
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