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कृषि कानून वापस लिये जाने पर लालू प्रसाद यादव ने कहा- लोकतांत्रिक किसान सत्याग्रह के सफल होने पर बधाई

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पटना। कृषि कानून वापस लिए जाने पर विपक्ष के नेताओं ने इसे संघर्षों का जीत बताया है। अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। इसी क्रम में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर लिखा कि विश्व के सबसे लंबे,शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक किसान सत्याग्रह के सफल होने पर बधाई। पूँजीपरस्त सरकार व उसके मंत्रियों ने किसानों को आतंकवादी,खालिस्तानी,आढ़तिए,मुट्ठीभर लोग,देशद्रोही इत्यादि कहकर देश की एकता और सौहार्द को खंड-खंड कर बहुसंख्यक श्रमशील आबादी में एक अविश्वास पैदा किया।

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lalu yadav and tejashwi yadav did tweet for repealed agricultural law

इसके अलावा ट्वीट कर लिखा कि देश संयम, शालीनता और सहिष्णुता के साथ-साथ विवेकपूर्ण, लोकतांत्रिक और समावेशी निर्णयों से चलता है ना कि पहलवानी से! बहुमत में अहंकार नहीं बल्कि विनम्रता होनी चाहिए। वहीं बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी ने भी बयान दिया है।

वहीं मीडिया से बातचीत करते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा कि इन काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मारे गए 700-750 किसानों के परिवारों का क्या? उन्होंने अब उन कानूनों को वापस ले लिया है जो विधानसभा चुनाव करीब हैं। वे इस मोर्चे पर हार गए हैं और उन्हें वहां (चुनाव में) भी हार का सामना करना पड़ेगा।

इसके अलावा कहा कि जब तक बिजली की दरों में कटौती और एमएसपी को नए तरीके से लागू नहीं किया जाता, तब तक किसानों को लाभ नहीं मिल सकता है। यह (तीन कृषि कानूनों को निरस्त) किसानों को लुभाने के लिए किया गया है लेकिन लोगों को मूर्ख नहीं बनाया जा सकता है। वे सब कुछ जानते हैं और बीजेपी के खिलाफ वोट करते हैं।

तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा कि 26 नवंबर से किसान आंदोलनरत थे। बिहार चुनाव नतीजों के तुरंत पश्चात हम किसानों के समर्थन में सड़कों पर थे। इसी दिन किसान विरोधी नीतीश-भाजपा ने इन कृषि कानूनों का विरोध एवं किसानों का समर्थन करने पर मुझ सहित हमारे अनेक नेताओं/कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया।

इसके अलावा ट्वीट कर लिखा कि एकता में शक्ति है। यह सबों की सामूहिक जीत है। बेरोजगारी,महंगाई,निजीकरण के ख़िलाफ हमारी जंग जारी रहेगी। उपचुनाव हारे तो उन्होंने पेट्रोल-डीज़ल पर दिखावटी ही सही लेकिन थोड़ा सा टैक्स कम किया। UP,उत्तराखंड,पंजाब की हार के डर से तीनों काले कृषि क़ानून वापस लेने पड़ रहे है। इसके अलावा उन्होंने लिखा कि किसान की जीत, देश की जीत। पूँजीपतियों,उनके रखवालों और सरकार की हार।

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वहीं सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह प्रधानमंत्री जी का निर्णय था और यह तीनों कानून संसद से पास हुआ था। ये निर्णय उन्हीं का है इसलिए इस पर कोई प्रतिक्रिया हो नहीं सकती। उन्होंने सबकुछ स्पष्ट किया है। वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-कानून वापस ले ही लिए। अखिलेश ने ये भी कहा कि भाजपा बताए सैकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सजा कब मिलेगी।

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English summary
lalu yadav and tejashwi yadav did tweet for repealed agricultural law
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