बिहार में गरमाया सरकारी विद्यालयों में शुक्रवार को छुट्टी का मुद्दा, शिक्षा मंत्री ने कही ये बात
बिहार के सीमांचल में चार बड़े जिलों में पूर्णिया, किशनगंज, अररिया और कटिहार का नाम शामिल है। यहां मुस्लिम समुदाया की आबादी 30 से 70 फीसद तक बताई जाती है।
पटना, 26 जुलाई 2022। झारखंड में कुछ दिनों पहले सरकारी विद्यालयों में रविवार की बजाए शुक्रवार को छुट्टी का मुद्दा गरमाया था। जिसके बाद सरकार ने मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी। वहीं अब बिहार में शुक्रवार को छुट्टी का मुद्दा गरमा गया है। बिहार के सीमांचल इलाके में रविवार की जगह शुक्रवार को क़रीब 500 सरकारी स्कूलों में छुट्टी दी जा रही है। इस बाबत कहा ये जा रहा है कि स्थानीय लोगों और नेताओं की वजह से रविवार की जगह शुक्रवार को अवकाश रखने का फ़ैसला लिया गया है।
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500 सरकारी विद्यालयों में शुक्रवार को छुट्टी
बिहार के सीमांचल में चार बड़े जिलों में पूर्णिया, किशनगंज, अररिया और कटिहार का नाम शामिल है। यहां मुस्लिम समुदाया की आबादी 30 से 70 फीसद तक बताई जाती है। खबर यह आ रही है इन चार ज़िलो के क़रीब 500 (प्राइमरी और मिडिल) स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार की छुट्टी रखी गई है। अररिया के जोकिहाट ब्लॉक में 244 स्कूलों में से 229 स्कूलों में शुक्रवार के दिन अवकाश की घोषणा की जा चुकी है। वहीं जोकिहाट के बीईओ ने मीडिया के सवाल पर कहा कि यहां पर काफी पहले से इसी तरह छुट्टी दी जा रही है।
मुस्लिम नेताओं की वजह से लिया गया फ़ैसला
पूर्णिया जिले की बात की जाए तो वहां भी रविवार की जगह शक्रवार को करीब 200 सरकारी स्कूलों में दी जा रही है। किशनगंज जिला भी शुक्रवार को छुट्टी के मामले में पीछे नहीं है। वहीं भी 19 सरकारी स्कूलों रविवार की बजाए शुक्रवार को छुट्टी रहती। ग़ौरतलब है कि शुक्रवार को होने वाली छुट्टी के बारे में शिक्षा विभाग के अधिकारी बोल रहे हैं कि जानकारी नहीं है। वहीं शिक्षकों का कहना है कि स्थानीय मुस्लिम नेताओं की वजह यह फैसला लिया गया है।
मामले में रिपोर्ट तलब की गई है- विजय कुमार
वन इंडिया हिंदी से खास बातचीत में बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई भी जानकारी नहीं है। मेरे संज्ञान में इस तरह का कोई भी मामला नहीं है। इस बाबत रिपोर्ट तलब की गई है। रिपोर्ट आने के बाद जो नियामनुसार कार्रवाई होगी वह की जाएगी। एक तरफ़ शिक्षा मंत्री कह रहें हैं कि उनके संज्ञान में यह मामला नहीं है रिपोर्ट तलब की गई है। वहीं दूसरी ओर स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि स्थानिय मुस्लिम नेताओं के दबाव में यह फ़ैसला लिया गया है। काफी दिनों से इस तरह ही छुट्टी की जा रही है।