बिहारः खुद को माननीय कहकर फंस गए भाजपा प्रत्याशी, कांग्रेस नेता ने लिया आड़े हाथ
सारण। बिहार के सारण जिले के तरैया विधानसभा सीट पर भाजपा ने जनक सिंह को उतारा है। लेकिन जनक सिंह के लिए अभी से मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। दरअसल, उम्मीदवारी तय होने के बाद भाजपा नेता जनक सिंह बुधवार को मढ़ौरा के गढ़ देवी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे। इस दौरान पूर्व विधायक और भाजपा नेता जनक सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए खुद को माननीय कह दिया।
इसके बाद से राजनीतिक हमला उनपर तेज हो गया है। पूर्व विधायक के इस बयान पर सारण जिला के कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष कामेश्वर सिंह उर्फ विद्वान ने कहा कि विधायक जनता का सेवक होता है। यदि वह खुद को माननीय या ऑफिसर के रूप में कहता है, चाहे कोई सरकारी अधिकारी भी अपने को माननीय माने तो उसका जनता का सेवक रहने का क्या अधिकार है।
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समय जो राजनीति चल रही है, उसमें जो भी नए लोग विधायक या सांसद बनते हैं अपने को बड़ा अधिकारी समझने लगते हैं। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। जनता की सेवा करने के लिए विधाया या सांसद होता है।
वहीं पूर्व विधायक जनक सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में क्षेत्र के तीन स्थानों को पर्यटक स्थल के रूप में घोषित करवाया, लेकिन वर्तमान विधायक ने उसमें कोई रुचि नहीं ली। क्षेत्र के विकास के लिए प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर बिहार के लिए फंड की व्यवस्था की गई है। युवाओं को सोचना चाहिए, उनको इस दिशा में कार्य करना चाहिए। देश और राज्य और क्षेत्र के विकास के लिए युवाओं को भारत माता की जय बोलकर क्या करना है यह सोचना चाहिए।
बता दें कि साल 2005 के विधानसभा चुनाव में जनक सिंह ने रामविलास पासवान की पार्टी से तरैया विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। एनडीए गठबंधन और राजद गठबंधन में किसी को पूर्म बहुमत नहीं मिला तो लोजपा किंगमेकर की भूमिका में आ गई थी। लेकिन लोजपा ने मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने के शर्त पर समर्थन देने की बात कह दी और किसी भी गठबंधन को समर्थन नहीं दिया।
अक्टूबर 2005 में बिहार विधानसभा का चुनाव से पहले जनक सिंह ने पार्टी बदलकर भाजपा में शामिल होकर लड़ा और जीत लिया। साल 2010 के चुनाव में ये आरजेडी के रामदास राय से हार गए। फिर 2015 के चुनाव में स्व. रामदास राय के छोटे भाई मुंद्रिका राय के हाथों हार गए।