बिहार: लाउडस्पीकर विवाद के बीच अब भाजपा नेता ने उठाया ये मुद्दा, बढ़ सकती है नीतीश सरकार की मुश्किलें
पटना,
12
मई
2022।
लाउडस्पीकर
पर
पूरे
देश
में
सियासत
जारी
है,
इसी
कड़ी
में
अब
बिहार
के
सियासी
गलियारों
में
एक
नई
मांग
उठने
लगी
है।
मस्जिद
के
मौलवी
की
तर्ज़
पर
मंदिर
के
पुजारी
को
वेतन
और
मानदेय
की
मांग
पर
सियासत
शुरू
हो
गई
है।
बिहार
के
मुख्यमंत्री
नीतीश
कुमार
से
इस
बाबत
भाजपा
नेता
और
विधि
मंत्री
प्रमोद
कुमार
ने
मांग
उठाई
है।
उन्होंने
मांग
करते
हुए
कहा
कि
निबंधित
मंदिर
औऱ
उनके
पुजारी
को
सरकार
की
तरफ़
से
वेतन
दिया
जाना
चाहिए।
पजारियों
को
सरकार
की
तरफ़
से
किसी
भी
हाल
में
वेतन
मिलना
ही
चाहिए।

प्रमोद कुमार ने कहा कि मध्य प्रदेश की तर्ज़ पर बिहार के मंदिर में पुजारियों को वेतन और मानदेय क्यों नहीं दिया जा रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि निबंधित मंदिर जिसका अपना कोई बोर्ड या समिति नहीं है, उसे चाहिए कि वह मंदिर के पुजारियों को वेतन देना सुनिश्चित करे। ग़ौरतलब है कि बिहार के लगभग 10 हजार मस्जिद में नमाज़ पढ़ाने वाले इमाम और मौलवी को हर महीने 5 से 18 हजार रुपये की तन तनख्वाह दी जाती है। सिया वक्फ बोर्ड के तहत पटना की 100 मस्जिदें निबंधित हैं। इसके अलावा जो मस्जिदें वक्फ बोर्ड के अंतर्गत नहीं है वहा मानदेय की व्यवस्था है। इसके अलावा हर साल 3 करोड़ रुपये का अनुदान बिहार सरकार की तरफ़ से मिलता है।
अजब-गजब
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ग्रामीणों
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करवा
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नीतीश सरकार की बढ़ सकती है मुश्किलें
भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा है कि मंदिरों और पुजारियों को इस मामले में ध्यान देने की जरूरत है। इस मुद्दे को अभी तक किसी ने नहीं उठाया है लेकिन अब भाजपा इस मुद्दे को उठाते हुए इसे कामयाब करने में जुट गई है। धार्मिक न्यास बोर्ड में के अंतर्गत बिहार में चार हजार मंदिर निबंधित हैं, चार हजार मंदिरों की निबंधन की प्रक्रिया चल रही है। सियासी जानकारों की मानें तो बिहार में भारतीय जनता पार्टी मंदिर के पुजारियों को वेतन और मानदेय का मुद्दा उठाकर सरकार की मुश्किले बढ़ाने पर तुल गई गई है। नीतीश कुमार ने लाउडस्पीकर मामले को ज्यादा तवज्जो नहीं दी तो अब भाजपा इस मुद्दे से सियासी पारा चढ़ा रही है ताकि 2024 चुनाव के लिए अभी से ही राजनीतिक पकड़ बनाई जा सके।
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