बाल विवाह की वजह से छूटा मायका और ससुराल, किशोरी ने Football खेलकर बनाई अपनी अलग पहचान
Football Player: बालिका गृह में भी किशोरी के सिर पर फुटबॉल खेलने का जुनून सवार था। बालिका गृह का निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी के सामने किशोरी ने फुटबॉल खेलने की ख्वाहिश का इज़हार किया।
Football Player: इंसान के अंदर अगर ख्वाब को सच करने का जज्बा हो तो वह किसी भी हालात से लड़कर अपनी मंज़िल को पा ही लेता है। कुछ इसी तरह की कहानी है बेगूसराय के बालगृह में रह रही 16 वर्षीय किशोरी की, जिसने अपने सपने को साकार करने के लिए क़दम तो आगे बढ़ाए लेकिन अपने परिवार से दूर हो गई। उसे बचपने से फुटबॉल खेलने का शौक था और वह इस खेल से अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहती थी। उसके घर वालों को उसका फुटबॉल खेलना पसंद नहीं था। काफी कम उम्र में उसकी शादी कर दी गई, जबकि वह अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती थी। कई मुश्किलों का सामना करते हुए किशोरी ने ना सिर्फ़ अपने सपने को साकार किया बल्कि कई लड़कियों के लिए आईडियल भी बन गई।
सचिन के सामने भी दिखा चुकी है हुनर
बेगूसराय के बालिका गृह में रहकर वह राष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल खेल रही है। आपको बता दें कि 14 नवंबर 2022 में किशोरी का UNICEF की तरफ से आयोजित नेशनल फुटबॉल गेम के लिए हुआ था। इस दौरान उसने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर और बॉलिवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना के सामने फुटबॉल खेला था। वहीं उसकी हौसला अफ़जाई के लिए प्रशस्ति पत्र भी दिया गया था। गौरतलब है कि खेल प्रशिक्षण के लिए अब किशोरी को समाज कल्याण विभाग की तरफ़ से दूसरे राज्य में भेजने की तैयारी की जा रही है।
मैट्रिक पास करने के बाद करा दी गई शादी
किशोरी की कामयाबी की ओर बढ़ते क़दम के बारे में तो आपने जान लिया, अब जानते हैं कि किन दुश्वारियों का सामना करते हुए वह इस मुकाम तक पहुंची है। किशोरी ने साल 2021 में दसवीं की परीक्षा पास की थी। मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद ही उसके माता-पिता ने जबरन बाल विवाह करवा दिया। किशोरी और पढ़ना चाहती थी लेकिन परिवार वालों ने एक ना सुनी और उसकी जबरदस्ती शादी करवा दी। वहीं ससुरालवाले ने भी पढ़ाने से इनकार कर दिया था। चूंकि किशोरी पढ़ना चाहती थी, इसलिए उसने परिवार वालों से कहा कि वह इस शादी को नहीं मानती है, इतना कहने के बाद ही माता-पिता ने उससे नाता तोड़ लिया और उसे कैद में रखने लगे।
घर से भागकर थाना पहुंची युवती
किशोरी को एक दिन घर से भागने का मौका मिल गया और वह वहां से भागकर थाने पहुंच गई। वहां उसने कहा कि उसकी जबरदस्ती बाल विवाह करवा दिया गया, ना ही वह ससुराल जाना चाहती है और ना ही वापस मायके जाना चाहती है। उसने कहा कि मां और पिता ने ससुराल को घर बताया है, इसलिए वह दोनों में से किसी भी जगह नहीं जाना चाहती है। मायके जाने पर जान का खतरा है। इसके बाद थाना पुलिस ने चाइल्ड कल्याण समिति के सामने उसे पेश किया। चाइल्ड कल्याण समिति ने किशोरी को बेगूसराय के बालिका गृह में रखवा दिया।
बालिका गृह में फुटबॉल खेलने का इंतज़ाम
किशोरी स्कूल और जिला स्तर पर अच्छा फुटबॉल खेलती थी। वह बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार की जाती थी, लेकिन उसके माता-पिता ने कभी उसका सहयगो नहीं किया क्योंकि उन्हें किशोरी का फुटबॉल खेलना पसंद नहीं था। घरवालों के नापसंद होने के बाद भी किशोरी ने फुटबॉल खेलना बंद नहीं किया और यहां तक का सफर तय किया। बालिका गृह में भी किशोरी के सिर पर फुटबॉल खेलने का जुनून सवार था। बालिका गृह का निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी के सामने किशोरी ने फुटबॉल खेलने की ख्वाहिश का इज़हार किया। इसे बाद समाज कल्याण विभाग की तरफ से उसके फुटबॉल खेलने का इंतज़ाम किया गया।
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