माफिया नेटवर्क पर लगाम! 2 महीने में करीब 863 एकड़ पर फैली अफीम की खेती को किया गया नष्ट
बिहार के गया जिले में नशा के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन लगातार अभियान चला रही है। पिछले दो महीने में करीब 863 एकड़ ज़मीन पर फैली अफीम की खेती को नष्ट किया है ।
Bihar: गया जिले में दिसंबर और जनवरी महीने में अभियान चलाकर 862.78 एकड़ में फैले अफीम की खेती को नष्ट किया गया। वन विभाग और उत्पाद विभाग की संयुक्त टीम द्वारा लगातार कार्रवाई की की जा रही है। गया जिलाधिकारी द्वारा जिले में अफीम, गांजा और अन्य मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन पर रोकथाम एवं विनष्टीकरण से संबंधित लगातार समीक्षा की जा रही है। इसी के मद्देनज़र दिसंबर और जनवरी महीने में कुल 862.78 एकड़ से ज्यादा भूमि पर अफीम के फसल को नष्ट किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि वन विभाग तथा उत्पाद विभाग की संयुक्त टीम द्वारा छापेमारी की जाती है। इसके साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी लगातार इसकी मॉनिटरिंग करते हैं।
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'माफिया
नेटवर्क
को
खत्म
करने
के
लिए
हो
रही
कार्रवाई'
जिला
पदाधिकारी
ने
कहा
कि
शेरघाटी
अनुमंडल
क्षेत्र
अंतर्गत
बाराचट्टी
एवं
डुमरिया
के
विभिन्न
क्षेत्रों
में
यह
कार्रवाई
की
गई
है।
अफीम
की
खेती
को
विनष्ट
हेतु
भीषण
जंगल
में
जाकर
के
यह
अभियान
चलाया
जाता
है।
इसमें
एसएसबी
के
जवान
भी
रहते
हैं।
संबंधित
थाना
प्रभारी
भी
रहते
हैं।
इस
बार
एक्साइज
विभाग
के
सहायक
आयुक्त
उत्पाद
प्रेम
प्रकाश
को
नोडल
पदाधिकारी
बनाया
गया
है।
उत्पाद
विभाग
एवं
वन
विभाग
के
संयुक्त
नेतृत्व
में
यह
अभियान
चलाया
जा
रहा
है।
और
आगे
यह
कार्रवाई
फरवरी
माह
के
अंतिम
तिथि
तक
प्रभावी
रूप
से
चलाई
जाएगी।
उन्होंने
कहा
कि
जिले
में
अफीम
की
खेती
पर
रोकथाम
लगाने
एवं
आवाजाही
पर
रोकथाम
के
लोगों
को
जागरूक
किया
जा
रहा
है,
साथ
साथ
संबंधित
माफिया
नेटवर्क
को
समाप्त
करने
हेतु
प्रभावी
कार्रवाई
की
जा
रही
है।
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लेमनग्रास
की
खेती
के
लिए
किया
जा
रहा
प्रोत्साहित
गया
जिलाधिकारी
ने
कहा
कि
जिले
के
बाराचट्टी,
बांकेबाजार,
डुमरिया
एवं
अन्य
स्थानों
पर
अफीम
की
खेती
को
बंद
करने
एवं
इसके
स्थान
पर
लेमनग्रास
की
खेती
को
प्रोत्साहित
किया
जा
रहा
है।
उन्होंने
बताया
कि
बाराचट्टी,
बांकेबाजार
में
लेमनग्रास
की
अच्छी
खेती
की
जा
रही
है।
डोभी
एवं
बाकेबाजार
प्रखंड
में
भी
कई
एकड़ो
में
लेमनग्रास
की
खेती
की
जा
रही
है।
किसानों
एवं
अन्य
लोगों
को
अफीम
की
खेती
छोड़ने
एवं
लेमनग्रास
की
खेती
करने
के
लिए
प्रेरित
एवं
जागरूक
किया
जा
रहा
है।
साथ
ही
वन
उत्पादित
पदार्थों
से
रोजगार
प्राप्त
करने
हेतु
प्रशिक्षण
भी
दिए
जा
रहे
हैं।
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दिसंबर
महीने
में
भी
हुई
थी
कार्रवाई
जनवरी
महीने
में
कुल
542.5
एकड़
भूमि
में
अफीम
के
फसल
को
नष्ट
किया
गया
है,
जिनमें
विराज
गांव
में
48.8
एकड़,
जरी
आहार
गांव
में
20
एकड़,
बारह
गांव
में
57.3
एकड़,महुलनिया
गांव
में
83.2
एकड़,
फलगुनिया
गांव
में
11.1
एकड़,
छोटकी
चापी
गांव
में
57.8
एकड़,
बड़की
चापि
में
48.1
एकड़,
नविगढ़
गांव
में
34.5
एकड़,
नकटिया
गांव
में
28.4
एकड़,
बंगवतरी
गांव
में
34.3
एकड़,
नावाडीह
20.2
एकड़,
मलोटरी
22.1
एकड़,
पोखरिया
25.1
एकड़,
कईया
20.1
एकड़
एवं
बेला
गांव
में
31.5
एकड़
क्षेत्र
में
अफीम
की
खेती
को
नष्ट
किया
गया
है।
इसी
तरह
दिसंबर
महीने
में
कुल
320.28
एकड़
भूमि
में
फैले
अफीम
के
फसल
को
नष्ट
किया
गया
था।
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