ओडिशा: कोरोना काल में भी गरीब लोगों का पेट भरते रहे आहार केंद्र, 2015 से लगातार दे रहें हैं सेवा
कोरोना के कारण ओडिशा में लगाए गए लॉकडाउन में सबसे अच्छी बात यह हुई कि इस दौरान आहार केंद्र खुले रहे, जिसके कारण गरीब जरूरतमंदों को समय पर भोजन मिलता रहा।
भुवनेश्वर, 17 जून। कोरोना के कारण ओडिशा में लगाए गए लॉकडाउन में सबसे अच्छी बात यह हुई कि इस दौरान आहार केंद्र खुले रहे, जिसके कारण गरीब जरूरतमंदों को समय पर भोजन मिलता रहा। भुवनेश्वर नगर निगम ने कोरोना काल के दौरान जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करते हुए आहार केंद्रों का संचालन जारी रखा ताकि गरीब तबके को भोजन जुटाने में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
एक निजी आयुर्वेदिक स्टोर में काम करने वाले और आहार केंद्र का नियमित तौर पर लाभ लेने वाले भगत प्रसाद पाधी (50) कहते हैं कि मेरे पास शहर में पका हुआ भोजन प्राप्त करने की कोई व्यवस्था नहीं है। मेरे लिए यक एक बड़ी मदद है क्योंकि यहां कीमत भी सस्ती है।
वहीं, राजधानी में हाई स्कूल में पढ़ने वाले 15 वर्षीय लवली सबर कहते हैं कि मैं एक गरीब परिवार से आता हूं और इस कठिन समय में आहार केंद्र हमारे परिवार के लिए बेहद जरूरी भूमिका निभा रहा है।
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान एक्शन मूड में, 21 से कोरोना वैक्सीन का महाअभियान
लोगों की जरूरतों को देखते हुए 5 मई से ही भुवनेश्वर में सभी 12 आहार केंद लोगों की सेवा में लगे हुए हैं। कोरोना काल में इन केंद्रों के प्रबंधन के लिए विशेष प्रोटोकॉल फॉलो किये जा रहे हैं। जिनके तहत केवल भोजन को पैक कराकर साथ लाने की अनुमति है। कोई भी व्यक्ति आहार केंद्र में बैठकर खाना नहीं खा सकता है। लाभार्थियों को प्रतिदिन सुबह 11 बजे से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
राजधानी में स्थित 12 आहार केंद्रों में से 5 प्रमुख अस्पतालों के नजदीक हैं। हालांकि इनमें से तीन केंद्र शाम के समय और शनिवार तो संपूर्ण लॉकडाउन में भी खुले रहते हैं। वहीं एम्स भुवनेश्वर के नजदीक 2 आहार केंद्र शाम के समय और शनिवार को सेवाएं नहीं देते।
लॉकडाउन के कारण लोगों की कम आमद को देखते हुए आहार केंद्रों में भोजन की उपलब्धता भी सीमित की गई है ताकि भोजन बर्बाद न हो। इसके साथ-साथ आहार केंद्रों का प्रबंधन कर रहे टचस्टोन फाउंडेशन द्वारा भोजन की खपत का भी नियमित तौर पर आकलन किया जाता है। राज्य सरकार की आहार योजना साल 2015 से लगातार लोगों को अपनी सेवाएं दे रही है। प्रतिदिन लगभग 4 हजार लोगों को इन आहार केंद्रों के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।