भोपाल में दिग्विजय के सामने प्रज्ञा ठाकुर को मैदान में उतार सकती है BJP, शाम तक घोषणा संभव
Bhopal News, भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में मध्य प्रदेश की सबसे हॉट सीटों में से एक भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार को लेकर जारी सस्पेंस अब खत्म हो सकता है। यहां से भाजपा साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Singh Thakur) को मैदान में उतार सकती है। हालांकि प्रज्ञा ठाकुर के नाम को लेकर फिलहाल कोई अधिकृत घोषणा नहीं हुई है, मगर भोपाल के सियासी गलियारों में उनके नाम की चर्चा पर है। शाम इस पर मुहर भी लगने की उम्मीद है। प्रज्ञा ठाकुर अगर मैदान में उतरती हैं तो उनका मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) से होगा।
मैं दिग्विजय के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार-प्रज्ञा
खुद प्रज्ञा ने भी दिग्विजय के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कही थी। टिकट को लेकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा है कि बीजेपी मुझे टिकट देती है तो दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने तैयार हैं। ये चुनाव धर्म और अधर्म के बीच होगा, भगवा को आतंकी कहने वाले दिग्विजय का कोई साथ नहीं देगा। वहीं बाहरी के सवाल पर उन्होंने कहा वे भोपाल के लिए बाहरी नहीं, 16 साल भोपाल में रहीं हैं और दिग्विजय के षड़यंत्र के कारण जेल भी गईं।
भोपाल लोकसभा संसदीय क्षेत्र में 18 लाख वोटर
जिस तरह दिग्विजय सिंह को भाजपा हिन्दुविरोधी होने के आरोप लगाती है, ऐसी स्तिथि में पार्टी प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार घोषित करती है तो वोटों का ध्रुवीकरण होना तय है। करीब 18 लाख मतदाताओं वाली भोपाल संसदीय सीट पर करीब 4.5 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। यदि ऐसा होता है तो भाजपा इस सीट पर वोटों का ध्रुवीकरण करेगी ताकि दिग्विजय जैसे मजबूत उम्मीदवार को हराया जा सके। वर्ष 1989 से भोपाल लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ रही है। यहां कांग्रेस के हर प्रयोग फेल रहे हैं, इस बार दिग्विजय को कांग्रेस ने उतारा है।
यहां जानिए भोपाल लोकसभा सीट का पूरा इतिहास
पहले शिवराज सिंह व उमा भारती का नाम
भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह का नाम कई दिन पहले ही घोषित कर दिया था। भाजपा प्रत्याशी का नाम तय होने में हो रही देरी पर कांग्रेस में कई जुमले शुरू हो गए थे। भाजपा को बिना दूल्हे की बारात बोला गया। यहां तक कहा गया कि भाजपा दिग्विजय के सामने अपना उम्मीदवार घोषित करने की हिम्मत तक नहीं कर पा रही। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उमा भारती का भी नाम सामने आया, मगर दोनों ने ही भोपाल से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया तो अब तीसरा नाम प्रज्ञा ठाकुर का आया है।
2003 के बाद चुनाव नहीं लड़ा था दिग्विजय ने
1993 से 2003 तक लगातार 10 सालों तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह 2003 के बाद से अब तक किसी भी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में नहीं लड़े हैं। तब मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद दिग्विजय ने ऐलान किया था कि वह अगले एक दशक तक न तो चुनाव लड़ेंगे और न ही राज्य की राजनीति में कोई दखल देंगे। सूबे की सियासत से उनका 10 साल का स्वनिर्वासन 2013 में खत्म हुआ और वह 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। हालांकि, उसी साल यानी 2014 में कांग्रेस ने दिग्विजय को राज्यसभा में भेज दिया।
Pragya Singh Thakur Biography in Hindi
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मूलरूप से मध्य प्रदेश की ही रहने वाली हैं। ये मध्य श्रेणी के परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वर्तमान में प्रज्ञा ठाकुर भोपाव के रुवेर टाउन स्थित अपने मकान में रहती हैं। शुरुआत में ही प्रज्ञा संघ और विहिप से जुड़ गईं। बाद में इन्होंने सन्यास ले लिया। प्रज्ञा ठाकुर देशभर में तब सुर्खियों में रहीं जब 23 अक्टूबर 2008 में हुए मालेगांव बम ब्लास्ट में उनका नाम आया और शक के आधार पर गिरफ्तारी हुई। 25 अप्रैल 2017 में सबूत न होने के कारण उन्हें जमानत दे दी गई थी। हाल ही में उन्हें इस मामले में दोषमुक्त करार दे दिया गया।
सूरत रही साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की कार्यस्थली
प्रज्ञा आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी की सक्रिय सदस्य भी रह चुकी हैं। इसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छोड़ दिया और वह साध्वी बन गई। गांव-गांव जाकर हिन्दुत्व का प्रचार करने लगी। उन्होंने अपनी कार्यस्थली सूरत को बनाया और वहीं पर एक आश्रम भी बनवाया। हिन्दुत्व के प्रचार के कारण वह बीजेपी के नेताओं को प्रभावित करने लगी और राजनीति में उनका वर्चस्व बढ़ता गया। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अब आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी पूर्णचेतनानंद गिरी के नाम से जानी जाती हैं।