मध्य प्रदेश : एयरफोर्स के 3 पायलट ने बचाई 300 लोगों की जिंदगी, 12 जिलों में बाढ़, 454 गांव-कस्बे पानी में डूबे
भोपाल। मध्य प्रदेश में आसमां से कहर बरपा है। भारी बारिश की वजह से प्रदेश के 12 जिले बाढ़ की चपेट में है। लोग बेहाल है। आर्मी को बुलाना पड़ा है। एनडीआरएफ की टीमें भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं। प्रदेश में बाढ़ बीते 20 सालों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। प्रदेशभर से 11 हजार लोग सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर्स से बचाई जान
मध्य प्रदेश में बाढ़ग्रस्त इलाकों में भारतीय वायुसेना के कई हेलिकॉप्टर्स के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। रविवार तड़के 5:30 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। 8 घंटे में 300 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया। सबसे पहले बच्चों और महिलाओं को बाहर निकाला गया।
जिंदगी बचाने वालों को धन्यवाद
मुख्यमंत्री के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करके कहा कि मैं IAF, NDRF, SDRF और सभी अधिकारियों को बाढ़ के बीच लोगों की जान बचाने के लिए धन्यवाद देता हूं। बाढ़ का पानी अब घट रहा है और हम पीने का पानी उपलब्ध कराने, बीमारियों, भोजन के प्रसार को नियंत्रित करने, इससे होने वाले नुकसान, दवाओं आदि के आकलन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
विंग कमांडर अभिमन्यु सिंह
मीडिया से बातचीत में भारतीय वायुसेना के हेलिकाॅप्टर के पायलट विंग कमांडर अभिमन्यु सिंह ने बताया कि 'रायसेन और सीहोर में दो-दो हेलिकॉफ्टर रेस्क्यू में जुटे थे। हम पीपीई किट साथ लाए थे, प्रशासन ने भी करीब 30 किट रखी थीं, लेकिन जब लोगों को बचाने उतरे तो कुछ भी ध्यान नहीं रहा। एक-एक को ऊपर खींचा और फिर खुद को सैनेटाइज कर कीचड़ में उतर गए। लक्ष्य था- बच्चों को सबसे पहले बचाएं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट संजय जॉब और सार्जेंट आके वर्मा मेरे साथ थे।'
स्क्वाॅड्रन लीडर हिमांशु
दूसरे हेलिकॉप्टर के पायलट स्क्वाॅड्रन लीडर हिमांशु शर्मा ने बताया कि रायसेन के पिपरिया गांव में हेलिकॉफ्टर ध्रुव (एलएएच-एमके-थ्री) से हम सुबह 6 बजे पहुंचे। सबसे बड़ी मुश्किल थी कि हेलिकॉफ्टर को लैंड करने की जगह नहीं मिल रही थी। इसलिए, हवा से ही रेस्क्यू किया गया। जैसे ही लोगों ने हमें देखा तो हाथ जोड़कर खड़े हो गए। सिर झुका दिया। सबसे पहले 60 लाेगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया तो लगा कि देश के लिए कुछ किया है।'
स्क्वाॅड्रन लीडर पात्रो
तीसरे हेलिकाॅप्टर के पायलट स्क्वाॅड्रन लीडर पात्रो कहते हैं कि 'सीहोर के सेमलवाड़ा-बम्होरी में रेस्क्यू कर रहे थे, लेकिन हमारा पूरा फोकस पानी के बढ़ते लेवल पर था। जैसे-जैसे पानी बढ़ रहा था, उससे अंदेशा था कि यहां बने घर कभी भी ढह सकते हैं। मुश्किल में फंसे लोगों की संख्या भी 200 से ज्यादा थी। खराब मौसम और बारिश परेशान कर रही थी, लेकिन जब बाढ़ में फंसे लोगों के चेहरे देखे तो मुश्किलें मन से गायब हो गईं।
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