एमपी की विधायक ने अधिकारियों से कहा- 'छोटी-मोटी घूस लेने में कोई बुराई नहीं', वीडियो हुआ वायरल
मध्य प्रदेश से बसपा विधायक का एक चौंकाना वाला वीडियो सामने आया है। वीडियो में विधायक घूस का समर्थन करती नजर आ रही हैं।
भोपाल, 28 सितंबर। मध्य प्रदेश से बसपा विधायक का एक चौंकाना वाला वीडियो सामने आया है। वीडियो में विधायक घूस का समर्थन करती नजर आ रही हैं। इतना ही नहीं वह अधिकारियों से कह रही हैं कि छोटी-मोटी घूस लेने में कोई बुराई नहीं है। दरअसल मामला यह था कि विधायक रामबाई सिंह दमोह जिले के ग्रामीणों से रिश्वत लेने के आरोप में कुछ अधिकारियों से बात कर रही थीं।
500-1000 लेने में कोई बुराई नहीं
उन्होंने कहा कि अगर आप रिश्वत के तौर पर 500 या 1000 रुपए लेते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है। यह आटे में नमक जैसा है, लेकिन आप ग्रामीणों से उनकी पूरी थाली नहीं छीन सकते हैं। विधायक जी के मुख से ये अमोल शब्द क्या निकले रायता फैल गया। किसी ने उनकी बातों को रिकॉर्ड कर लिया और सोशल मीडिया पर वीडियो को पोस्ट कर दिया। अब इस वीडियो पर काफी बवाल हो रहा है। एक ओर जहां मोदी सरकार भ्रष्टाचार को लेकर सख्त कदम उठाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर ऐसे भी नेता हैं जो भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों का साथ दे रहे हैं।
यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस संक्रमण का प्रकोप लंबे समय तक रह सकता है- WHO
अंधेरी नगरी चौपत राजा का खेल चल रहा है
दरअसल सतुआ गांव के लोगों ने दो रोजगार सहायकों के खिलाफ विधायक से शिकायत की थी, जिसके बाद उन्होंने ग्रामीणों की उपस्थिति में अधिकारियों की मीटिंग ली और कहा कि छोटी-मोटी घूस लेने में कोई दिक्कत नहीं, लेकिन.... ग्रामीणों से उनका निवाला न छीनें। ग्रामीणों ने अधिकारियों पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आवंटित करने के लिए हजारों रुपए की घूस लेने का आरोप लगाया था। वीडियो में विधायक ग्रामीणों से पूछ रही हैं कि आपसे कितने रुपए लिए गए, इसके जवाब में एक ग्रामीण ने कहा कि उसने 9 हजार रुपए दिए, वहीं दूसरे ने कहा कि उसने 5 हजार रुपए दिए। इसके बाद विधायक जी ने अधिकारियों से कहा कि हजार रुपए तक तो ठीक है....मैं आपसे यह नहीं कह रही कि घूस मत लो। मुझे यह भी पता है कि राज्य में अंधेरी नगरी चौपत राजा का खेल चल रहा है। हालांकि रामबाई ने भी दोनों अधिकारियों को फटकार लगाई और ग्रामीणों को पैसे लौटाने का आदेश दिया। बता दें कि साल 2019 में बसपा सुप्रीम मायावती ने रमाबाई को सीएए का समर्थन करने के लिए निलंबित कर दिया था।