बैंगलोर न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

मूर्ति छूने की वजह से दलित परिवार पर 60 हजार का जुर्माना, दुखी मां बोली- अब सिर्फ अंबेडकर की पूजा करूंगी

Google Oneindia News

बेंगलुरू, 22 सितंबर। देश को आजाद हुए 75 साल होने जा रहे हैं लेकिन अभी भी ऐसी मानसिकता है जो हमे कई दशक पीछे खींच रही हैं। कर्नाटक के कोलार जिले की यह घटना इसी का उदाहरण है। यहां पर दलित लड़के के मूर्ति छू देने मात्र से उसे 60 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस सजा से दुखी दलित महिला ने अब जीवन में कभी भी मंदिर नहीं जाने का फैसला लिया है। महिला का कहना है कि वह अब जीवनभर अंडेकर की पूजा करेगी।

इसे भी पढ़ें- मैंने मलिक से पूछा, उसने कहा कर दे, कोई नहीं देख रहा; अफरीदी बोले- फिर मैंने पिच टेंपरिंग कर दीइसे भी पढ़ें- मैंने मलिक से पूछा, उसने कहा कर दे, कोई नहीं देख रहा; अफरीदी बोले- फिर मैंने पिच टेंपरिंग कर दी

भगवान हमे पसंद नहीं करते

भगवान हमे पसंद नहीं करते

दलित परिवार से आने वाले शोबम्मा का कहना है कि अगर भगवान हमे पसंद नहीं करते हैं, हम डॉक्टर बीआर अंबेडकर की पूजा करेंगे। बता दें कि शोबम्मा को 1 अक्टूबर तक 60 हजार रुपए का जुर्माना भरने का समय दिया गया है। दरअसल शोबमा के बेटे ने अपने गांव में धार्मिक कार्यक्रम के दौरान एक पिलर को छू दिया था। शोबम्मा कोलरा जिले के मलूर तालुक में स्थित उल्लेरहल्ली में रहती हैं। जोकि बेंगलुरू से तकरीबन 60 किलोमीटर दूर है। 9 सितंबर को उन्हें उनके बेटे की वजह से यह सजा सुनाई गई है।

मूर्ति छूने से हुई अपवित्र!

मूर्ति छूने से हुई अपवित्र!

यह पूरा मामला उस वक्त सामने आया जब शोबम्मा ने इस पूरे वाकये को कोलार स्थित एक दलित संगठन के सामने बताया। 8 सितंबर को ग्रामीण भूतयम्मा मेला का आयोजन कर रहे थे, इस कार्यक्रम में दलितों के आने पर पाबंदी थी, पूरे गांव में स्थित देवी के मंदिर में दलितों के आने की अनुमति नहीं थी। जब यह कार्यक्रम हो रहा था तो शोबम्मा का 15 साल का बेटा बाहर था। इसी दौरान उसने सिदिरन्ना की मूर्ति से जुड़े एक पिलर को छू दिया। बता दें कि दक्षिण भारत के गांवों में सिदिरन्ना देवी की काफी मान्यता है। वेंकटेशप्पा जोकि एक ग्रामीण हैं उन्हें बच्चे को देख लिया और कहा कि वह गांव के बुजुर्गों के सामने पेश हो।

1 अक्टूबर तक 60 हजार जमा करने का फरमान

1 अक्टूबर तक 60 हजार जमा करने का फरमान

अगले दिन जब शोबम्मा गांव के बुजुर्गों के सामने आईं तो वह बहुत नाराज थीं क्योंकि उन्हें 1 अक्टूबर तक 60 हजार रुपए का जुर्माना भरने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि अगर वह जुर्माना नहीं देती हैं तो उन्हें गांव से बाहर कर दिया जाएगा। स्थानीय लोगों के अनुसार गांव में 75-80 घर हैं और अधिकतर परिवार वोक्कलिगा समुदाय से जुड़ा है। गांव में 10 शेड्यूल कास्ट के परिवार हैं। शोबम्मा का घर गांव के बाहरी इलाके में है, जहां वह अपने लड़के के साथ रहती हैं, उनका लड़का कक्षा 10वीं का छात्र है और तेकल गांव स्थित स्कूल में पढ़ता है।

रोज ट्रेन पकड़कर जाती हैं काम करने

रोज ट्रेन पकड़कर जाती हैं काम करने

शोबम्मा के पति रमेश की तबीयत खराब रहती है, जिसकी वजह से शोबम्मा ही घर चलाती हैं। शोबम्मा का कहना है कि मैं हर रोज सुबह 5.30 बजे ट्रेन से बेंगलुरू जाती हूं और घर में लोगों के काम करती हूं, इसके बाद रात 7.30 बजे वापस आती हूं। मुझे 13 हजार रुपए सैलरी मिलती है, इसी से मैं घर चलाती हूं। ये 60 हजार रुपए का जुर्माना चौंकाने वाला है, मैं इससे काफी दुखी हूं। शोबम्मा ने बताया कि गांव वालों ने कहा कि मूर्ति अपवित्र हो गई है क्योंकि इसे दलित लड़के ने छू दिया है, हमे इसे शुद्ध करना होगा, इसे फिर से पेंट करना होगा, ऐसे में जुर्माने का पैसा इस काम में इस्तेमाल होगा।

आखिर कैसे चलाऊं घर

आखिर कैसे चलाऊं घर

शोबम्मा ने कहा कि अगर भगवान हमे पसंद नहीं करते हैं, लोग हमे दूर रखना चाहते हैं तो पूजा करने का क्या फायदा। किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह मैंने भी पैसा खर्च किया है, दान दिया है, लिहाजा मैं अब ये सब नहीं करूंगी, मैं सिर्फ डॉक्टर बीआर अंबेडकर की पूजा करूंगी। स्थानी एक्टिविस्ट संदेश जोकि अंबेडकर सेवा समिति चलाते हैं, उन्होंने कहा कि जब हमे इस बारे में पता चला तो हमने परिवार से संपर्क किया। मैं उनके घर पर गया और उनकी शिकायत दर्ज कराई। आजादी के 75 साल बाद भी इस तरह की प्रथा है, आखिर गरीब कहां जाए।

एक्शन में प्रशासन

एक्शन में प्रशासन

वहीं कोलार के डिप्टी कमिश्नर वेंकट राजा ने बताया कि मैं बुधवार को गांव गया, परिवार से मिला। हमने उन्हें घर बनाने के लिए एक प्लॉट दिया है, हमने उन्हें कुछ पैसे भी दिए हैं। हम शोबम्मा को रोजगार देंगे। मैंने पुलिस को भी इसकी जानकारी दी है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। पुलिस ने पूर्व ग्राम पंचायत सदस्य नारायणस्वामी, प्रधान के पति वेंकटेशप्पा व अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। बता दें कि कर्नाटक में इस तरह की घटनाएं नई नहीं हैं। पिछले साल कोप्पल जिले के मियापुर गांव में दलित परिवार पर 25 हजार का जुर्माना लगाया गया था क्योंकि दलित परिवार का लड़का मंदिर में चला गया था।

Comments
English summary
Dalit boy touched the idol family was imposed 60000 fine in Karnataka,
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X