बेंगलुरु: रिपोर्ट में कहा महिलाओं से नहीं पुरुषों से कराएं नाइट शिफ्ट में काम
बेंगलुरु में एक विधायिका पैनल की ओर से सलाह दी गई है कि महिलाओं से नाइट शिफ्ट ना कराया जाए।
बेंगलुरु। एक विधायिका पैनल ने सलाह दी है कि इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और बायो टेक्नोलॉजी कंपनियां महिलाओं से रात की शिफ्ट में कराने से बचें। इसके पीछे उनकी सुरक्षा और गोपनीयता का तर्क दिया गया है।
विधानसभा में अपनी 32 रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए सोमवार को विधायिका की ओर से निर्मित महिला और बाल कल्याण समिति ने कहा कि वो IT और BT कंपनियों में महिला के रात की शिफ्ट में काम करने की पक्षधर नहीं है। समिति का कहना है कि महिलाओं को सुबह या दोपहर की शिफ्ट दी जानी चाहिए।
एन.ए. हैरिस की अध्यक्षता वाली इस समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुरुषों को नाइट शिफ्ट में काम कराने के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार बीते साल 9 सितंबर 2016 को समिति इंफोसिस और बायोकॉन कंपनी में गई थी, जहां उन्होंने इस मसले पर प्रबंधन से बात की। यहां उन्होंने कर्मचारियों और स्टेक होल्डर्स से बात कर उनके फीडबैक पर यह प्रस्ताव बनाया है।
कानून में हो चुका है संशोधन
हालांकि यह रिपोर्ट सरकार की ओर से संशोधित किए नियम, जिसमें महिलाओं के नाइट शिफ्ट में काम करने की रोक हटा ली गई थी, उसका विरोधभास है। सरकार की ओर से रोक हटाए जाने के बाद सिर्फ आईटी और आटीईएस सेक्टर में महिलाओं से नाईट शिफ्ट में काम कराए जाने की अनुमति थी।
बता दें कि राज्य सरकार ने महिलाओं के नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए शॉप्स एंड कॉमर्शियल इंस्टेबलिस्मेंट एक्ट 1961 और फैक्ट्री एक्ट 1948 को संशोधित किया था।
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