CRPF जवान विकास कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव, नक्सली हमले में हुए थे शहीद
बांदा। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के जवानों के बीच मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में कोबरा बटालियन के दो जवान शहीद हो गए। शहीद हुए जवानों में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के लामा गांव निवासी विकास कुमार भी शामिल थे। बता दें कि मंगलवार देर शाम शहीद विकास कुमार का पार्थिव शरीर पैतृक गांव लामा लाया गया। बुधवार की सुबह 10 बजे शहीद विकास कुमार को राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएंगी।
विकास कुमार (30) अपने भाई में सबसे बड़ा था। अपनी मेहनत की बदौलत वह साल 2008 में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ। उसे असम में बटालियन- 204 में तैनाती मिली। उसके बाद वह जम्मू, पंजाब में भी तैनात रहे। दो वर्ष से छत्तीसगढ़ में पोस्टिंग थी। बता दें कि 10 फरवरी को वह छत्तीसगढ में नक्सल प्रभावित इलाके में रात सर्च ऑपरेशन कर रहे थे तभी जंगल में घात लगाए बैठे नक्सलियों ने हमला कर दिया। मौके पर ही दो जवान शीहद हो गए जबकि तीसरे जवान ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
मंगलवार सुबह विकास की शहादत की सूचना पर परिवार में कोहराम मच गया। मां कैलशिया का रो-रोकर बुरहाल है। पिता का निधन कई साल पहले हो चुका। वहीं, छोटे भाई रामकुमार ने बताया कि सालभर पहले ही उनकी शादी हुई थी। अभी उनका कोई बच्चा नहीं था। हम सरकार से यही कहना चाहते हैं कि जो उचित हो वो हमारे परिवार के लिए करे। गौरतलब है कि उप्र की योगी सरकार शहीद के परिजनों को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है।
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