एक सफल लव स्टोरी में छुपा है बिना कोचिंग किए यूपी पीसीएस टॉपर बनने का राज
Prayagraj News, प्रयागराज। यूपी पीसीएस 2016 भर्ती की टॉपर जयजीत कौर ने उत्तर प्रदेश को एक बार फिर यह एहसास कराया है, कि अगर बेटियों को मौका मिले तो वह जमाने का रुख मोड सकती हैं। कानपुर के कौशलपुरी गुमटी नंबर 5 की रहने वाली जयजीत कल तक एक गुमनाम जिंदगी जी रही थी, लेकिन उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में उत्तर प्रदेश की सबसे बडी परीक्षा को टॉप कर आज के दिन की सबसे तेज सनसनी बन गया हैं। वैसे तो जयजीत 2015 में ही दिल्ली चली गयी और अपने पति के साथ रहकर अपने सपनों को आयाम देने की तैयारी में जुट गई थी। पूरी सिदृदत के साथ वह 2016 में यूपी सिविल परीक्षा में शामिल हुई और शुक्रवार को जब उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने रिजल्ट जारी किया तो जयजीत ने परीक्षा में नया कीर्तिमान बनाते हुये पहला स्थान हासिल किया।
कौन हैं जयजीत कौर
उत्तर प्रदेश सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा चयन परीक्षा 2016 को टॉप करने वाली जयजीत कौर मूलरूप से उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर की रहने वाली हैं। कौर का घर कानपुर के कौशलपुरी स्थित गुमटी नंबर 5 में है। कौर के पिता सबरजीत होरा कारोबारी हैं, जबकि मां हाउस वाइफ। तीन भाई बहनों में जयजीत दूसरे नंबर पर हैं। बड़ी बहन समरजीत कौर जीएसपीएम मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हैं। हालांकि जयजीत की 2015 में अपने बचपन के दोस्त आशुतोष होरा से शादी हो गई और इस तरह वह ज़िंदगी की एक नई पारी शुरू करने व पारिवारिक जिम्मेदारी निभाने के लिए अपने ससुराल पहुंच गई। शादी के बाद वह अपने पति आशुतोष के साथ दिल्ली चली गई और सिविल सेवा की तैयारी में जुट गई। जहां पति के दिशानिर्देशन और कौर की मेहनत ने रंग दिखाया और अब वह यूपी पीसीएस को टॉप कर अपना व अपने परिवार को नाम रोशन कर रही है।
दिलचस्प है शादी का सफर
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जयजीत और आशुतोष बचपन में एक ही क्लास में पढते थे और कॉमन फ्रेंडस थे। लेकिन कुछ सालों बाद आशुतोष के पापा एडिश्नल कमिश्नर का स्थानांतरण मेरठ हो गया। इसके बाद आशुतोष से जयजीत की मुलाकात नहीं हुई। लेकिन किस्मत ने इन दोनों को एक बार फिर मिलाया और लखनऊ में दोनों फिर से मिले। जयजीत लखनऊ से आईईटी करने गयी थी और वहां फिर से आशुतोष से मुलाकात का सिलसिला शुरू जो गहरी दोस्ती में बदल गया। 2010 में मुंबई से एमबीए की पढाई के दौरान दोनों फिर से क्लासमेट बने। फिर उनकी दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गयी और परिजनों की स्वीकृति से दोनों ने 2015 में शादी कर ली। जयजीत और उनके ससुर की इच्छा थी कि वह सिविल सेवा में जाये, जिसे आशुतोष ने सहर्ष स्वीकार्य किया और दिल्ली में अपने साथ जयजीत की तैयारी शुरू कराई।
क्या कहती हैं जयजीत
मीडिया से बातचीत के दौरान जयजीत ने बताया कि उन्होंने कभी कोचिंग नहीं कि बल्कि खुद व अपने पति की सलाह और ट्यूशन के साथ परीक्षा की तैयारी की। खुद से नोट्स बनाये और हर दिन 8-10 घंटे की कडी मेहनत की। जयजीत कहती हैं कि आप जो भी पढे उसे याद करने के लिए हर तरह से उपाय करें, वह आपको याद होना चाहिए। कोचिंग के सहारे ही न रहें, अपने से भी तैयारी करें, क्योंकि खुद से ही जीत होती है। आपकी खुद से की गयी तैयारी आपकी सफलता में अहम योगदान निभाती है। फिलहाल जब सिविल की तैयारी करने के लिए जयजीत ने पढाई शुरू की तो जयजीत का पूरे घर ने खूब सपोर्ट किया और मेहनत का परिणाम आज दुनिया के सामने है। अपने पहले ही प्रयास में जयजीत ने पीसीएस की बडी परीक्षा को न सिर्फ पास किया बल्कि टॉप कर अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवाया।
पति आशुतोष भी हुए सिलेक्ट
जयजीत की सफलता की कहानी का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि वह जिस पति को अपने सक्सेस का क्रेडिट देती हैं, वो भी इसी पीसीएस परीक्षा में चयनित हुए हैं। पति आशुतोष भी सिविल सेवा की तैयारी कर रहे थे और तैयारी के हर मोड़ पर पत्नी जयजीत का साथ दे रहे थे। दोनों पति-पत्नी ने इस परीक्षा में बाजी मारकर एक-दूजे के साथ की ताकत को साबित किया है।
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