Narendra Giri Case: आनंद गिरि को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
प्रयागराज, 22 सितंबर: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में आनंद गिरि को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट ने आनंद गिरि सहित हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी को भी न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। दोनों प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में रहेंगे। कोर्ट में पेश करने के पहले दोनों का जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया। मामले में जांच करने के लिए गठित की गई एसआइटी इस केस में अब जुटाए गए साक्ष्यों को लेकर सीजेएम कोर्ट पहुंची थी।
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सुसाइड नोट में आनंद गिरि का जिक्र
महंत नरेंद्र गिरि का शव सोमवार शाम को उनके कमरे में मिला था। कमरे में पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला था। इस नोट में नरेंद्र गिरि ने अपने शिष्य आनंद गिरी, हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी का जिक्र किया था। प्रयागराज पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर आनंद गिरि के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस हरिद्वार से आनंद गिरि को प्रयागराज लाई। 12 घंटे पूछताछ के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बता दें, सीजेएम कोर्ट परिसर में भारी भीड़ जुटी थी। आनंद गिरि और आद्या तिवारी पर हमला करने की कोशिश की गई, उनके साथ धक्का-मुक्की भी हुई। इस दौरान पुलिस ने भीड़ को काबू किया और कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों को वहां से बाहर निकाला गया।
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सुसाइड नोट में लिखी ये बात
सुसाइड नोट के पहले पन्ने की शुरुआत में लिखा है, ''मैं महंत नरेंद्र गिरि आज मेरा मन आनंद गिरि के कारण विचलित हो गया है। हरिद्वार से ऐसी सूचना मिली कि आनंद गिरि कम्प्यूटर के माध्यम से एक लड़की के साथ मेरी फोटो जोड़कर गलत काम करते हुए बदनाम करेगा। आनंद गिरि का कहना है कि महराज यानि मैं सफाई देते रहोगे। मैं जिस सम्मान से जी रहा हूं, अगर मेरी बदनामी हो गई तो मैं समाज में कैसे रहूंगा। इससे अच्छा मर जाना ही ठीक है।''