फ्रेश होने गए शख्स को टॉयलेट में फ्लश टैंक पर बैठा मिला काला सांप, जानिए फिर क्या हुआ?
आगरा, मई 26: बारिश के मौसम के साथ-साथ खतरनाक सांपों का भी निकलना शुरू हो जाता है। ये सांप कहीं नालियों के जरिए तो कहीं सीवर के जरिए लोगों के घरों में प्रवेश कर जाते हैं। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब बाथरूम में या टॉयलेट सीट में सांपों को देखा गया है। ये सांप कई बार लोगों को नुकसान भी पहुंचा देते हैं। ताजनगरी आगरा में मंगलवार को एक घर के टॉयलेट में फ्लश टैंक के ऊपर चेकर्ड कीलबैक सांप बैठा मिला। टॉयलेट यूज करने गए परिवार के सदस्य की नजर जैसे ही सांप पर पड़ी उसके होश उड़ गए। उसने भागते हुए घर के अन्य सदस्यों को इसकी सूचना दी। इसके बाद वाइल्डलाइफ एसओएस के इमरजेंसी हेल्पलाइन पर कॉल कर मदद मांगी गई। एसओएस की टीम ने मौके पर पहुंचकर सांप का रेस्क्यू किया।
पानी वाली जगहों के आसपास पाए जाते हैं चेकर्ड कीलबैक सांप
मौसम में बदलाव के बाद ताजनगरी आगरा में भी पिछले सप्ताह बारिश हुई थी। इसके बाद से वाइल्डलाइफ एसओएस के इमरजेंसी हेल्पलाइन पर लगातार सांपों के निकलने की सूचनाएं मिल रही हैं। दयालबाग के एक घर सूचना मिली कि उनके टॉयलेट में फ्लश टैंक के ऊपर एक काला सांप बैठा हुआ है। एसओएस की टीम मौके पर पहुंची तो चेकर्ड कीलबैक सांप फ्लश टैंक के ऊपर बैठा मिला। टीम ने रेस्क्यू किया और सांप को अपने साथ ले गई। सांप के रेस्क्यू के बाद परिवार के लोगों ने राहत की सांस ली। बता दें, चेकर्ड कीलबैक सांप पानी वाली जगहों के आसपास पाए जाते हैं। यह मुख्य रूप से मछली और मेंढक खाने का शौकीन होता है। कई बार पानी की तलाश में नाले के सहारे किचन या कमोड में पहुंच जाता है। सांप की यह प्रजाति भी शहर में काफी पाई जाती है। इसमें जहर बिल्कुल नहीं होता।
दरवाजे की चौखट के बीच फंस गया था कोबरा
एसओएस की टीम को दयालबाग स्थित राधे ग्रीन्स कॉलोनी में रहने वाले एक परिवार ने भी कॉल किया। उनके घर में कोबरा सांप पहुंच गया था। टीम मौके पर पहुंची तो देखा कि कोबरा सांप घर के दरवाजे की चौखट के बीच फंस गया था। एसओएस की बचाव टीम ने रेस्क्यू शुरू किया और सावधानीपूर्वक कोबरा को पकड़ लिया। इसके बाद रामबाग के एक घर में रैट स्नेक होने की सूचना मिली। टीम ने तुंरत मौके पर पहुंचकर उसका भी रेस्क्यू किया।
जहरीले होते हैं कोबरा सांप
बता दें, कोबरा जहरीले सांपों में से एक होते हैं। यह चित्तीदार, काले और भूरे रंग के होते हैं। रसेल वाइपर के मुकाबले इसकी फुहार कम होती है। यह लोगों से दूर रहना चाहता है, लेकिन चूहों का बहुत शौकीन होता है। चूहों के चक्कर में यह घर के किचन, स्टोर रूम और बाथरूम में घुसकर बैठ जाता है। यह तभी काटता है, जब किसी व्यक्ति का पैर या फिर हाथ लग जाए। कोबरा की लंबाई कम से कम छह फीट होती है। इसके काटने पर व्यक्ति की मौत हो जाती है। वहीं, रैट स्नेक में जहर बिल्कुल भी नहीं पाया जाता। यह मुख्य रूप से गिलहरी, चिड़िया और उनके अंडे खाने का शौकीन होता है। गिलहरी और चिड़ियां के अंडे को खाने के लिए यह पेड़ों पर भी चढ़ जाता है। इसके काटने पर थोड़ी घबराहट होती है, लेकिन मौत का खतरा नहीं रहता। यह कई बार पेड़ों के सहारे घर के अंदर तक घुस जाता है।
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