बाल ठाकरे ने बनाया था बॉम्बे को मुंबई
मुंबई। जीतेजी जिसकी एक आवाज़ से पूरी मुंबई थम जाया करती थी आज उसके अंतिम दर्शन के लिये वही मुंबई शिवाजी पार्क पर उमड़ पड़ी है। मुंबई को ठाकरे से इतना प्यार क्यों। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि ठाकरे ने ही बॉम्बे का नाम बदल कर मुंबई किया था।
ठाकरे ने बॉम्बे का नाम मुंबई करने के लिये एक बड़ी जंग लड़ी। इस जंग में ठाकरे और उनके सैनिकों ने बड़ा आंदोलन किया था। ठाकरे का मानना था कि महाराष्ट्र की राजधानी का नाम बॉम्बे अंग्रेजों ने रखा था। अब हम अंग्रेजों के गुलाम नहीं हैं, तो उस नाम को क्यों बनाये रखें। उन्होंने 1995 में मराठियों के साथ मिलकर सरकार से मांग की कि बॉम्बे का नाम बदल कर मुंबई किया जाये।
बाल ठाकरे ने जीवन भर अपनी मराठी और संस्कृति। ठाकरे ने अपनी पार्टी का नाम भगवान शिव नहीं बल्कि छत्रपति शिवाजी के नाम से रखा था। वो इसलिये क्योंकि 17वीं सदी में शिवाजी महाराज ने महाराष्ट्र पर फतह हासिल की थी। उस दौरान महाराष्ट्र मुस्लिम शासकों के कब्जे में था।
सबसे मजबूत क्षेत्रीय नेताओं में से एक बाल ठाकरे ने कभी मुंबई के खिलाफ एक भी शब्द नहीं सुना। मुंबई में माइकल जैक्सन से लेकर तमाम बड़ी हस्तियां जब-जब मुंबई आयीं, तो वो ठाकरे से मिलने गईं। जब-जब मुंबईवासी ठाकरे के पास गये, तब-तब उन्होंने मदद के लिये अपने हाथ आगे बढ़ाये। यही कारण है कि आज मुंबई खुद को अनाथ महसूस कर रही है।
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