सपा के नये अमर सिंह हैं अभिषेक मिश्रा
तमाम अटकलों के बीच प्रदेश के नये प्रोटोकॉल मंत्री अभिषेक मिश्रा ने अमर सिंह की विरासत को संभाल लिया। आज हालात यह हैं कि बड़े औद्योगिक घरानों समेत कई देशी विदेशी बहुराष्ट्ररीय कम्पनियां अभिषेक मिश्रा के सम्पर्क में हैं तथा मिश्र के कहने पर सरकार उन कम्पनियों के हितों में अपने हित तलाश रही है। सूत्रों की माने तो एफडीआई का प्रदेश में प्रवेश करना भी अभिषेक मिश्रा के ही प्रयासों से संभव हो सका है।
समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव अमर सिंह ने जब पार्टी छोड़ी तो दावा किया कि उनके जाने के बाद पार्टी को बड़े नुकसान उठाने पड़ेंगे। अमर सिंह के दावों को असर दिखायी भी दिया और अंबानी जैसे बड़े औद्योगिक घरानों से सपा के संबंध कमजोर होने लगे। हालांकि मुलायम सिंह समेत यादव परिवार के सभी लोगों को अमर सिंह की कमीं अखर रही थी लेकिन किसी ने खुलकर इस बात उजागर नहीं किया।
इस कमीं को अखिलेश यादव ने उस वक्त पूरा कर दिया जब विधान सभा चुनाव से पहले आईआईएम के प्रो. अभिषेक मिश्रा को सपा में लाने की बात कही। पहले पहल तो लोगों को लगा कि अभिषेक सपा में शामिल नहीं होंगे क्योंकि आईआईएम जैसे संस्थान को छोड़कर राजनैतिक दल में भविष्य तलाशना शायद उन्हें रास नहीं आए लेकिन ऐसा नहीं हुआ अखिलेश यादव की दोस्ती का वास्ता उन्हें सपा में खींच लाया। उन्होंने न सिर्फ पार्टी ज्वाइन की बल्कि सपा के लिए विधायकी की सीट भी जीत ली।
अखिलेश यादव ने वादा निभाया और अभिषेक मिश्र को मंत्री प्रोटोकॉल बना दिया जिनका काम इतना रहा कि वह अखिलेश के करीब रह कर सरकार चलाने में उनकी मदद करें। वर्तमान समय में अभिषेक मिश्र अखिलेश यादव के सबसे करीबी मंत्रियों में गिने जाते हैं और शासन प्रशासन के प्रत्येक बड़े फैसले में उनकी सलाह भी ली जाती है। अखिलेश यादव ने अभिषेक मिश्र को पार्टी में वह कुर्सी प्रदान की है जो अमर सिंह के जाने के बाद खाली हुई थी। सूत्रों की मानें तो पिछले दिन जब सपा में एफडीआई की वकालत करना शुरू की तो उसके पीछे भी अभिषेक मिश्रा का दिमाग काम कर रहा था। आज के दौर में कई देशी विदेशी बहुराष्ट्ररीय कम्पनियां अभिषेक मिश्र के सम्पर्क में और उनके माध्यम से सरकार से वार्ताएं की जा रही हैं।