...तो मान लूंगा जिंदा है साई बाबा: जयराम रमेश
उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यो को जांचने के लिए निर्मल भारत अभियान की समीक्षा अब गैर सरकारी संगठनों से कराई जाएगी। रमेश ने प्रेरक सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, और राजस्थान जैसे राज्यों में स्वच्छता का मुद्दा राजनीतिक एजेंडा होना चाहिए। ऐसा होने पर ही देश 2022 तक खुले में शौच के अभिशाप से मुक्त हो पाएगा।
उनहोंने हरियाणा के बारे में बोलते हुए कहा कि वहा के मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि 2014 तक यहां सभी पंचायतें निर्मल ग्राम पंचायत होंगी। यहां पर 6700 ग्राम पंचायतों में से 1700 निर्मल ग्राम पंचायतें हैं। उन्होंने जनगणना रिपोर्ट के अनुसार बताया कि स्वच्छता अभियान की सफलता 35 फीसदी क्षेत्र तक रही है, लेकिन राज्यों द्वारा 65 फीसदी का दावा किया गया है।
इस कारण अभियान के मूल्यांकन के लिए देश के 30 प्रमुख गैर सरकारी संगठनों का फोरम बनाया गया है। इसमें ऐसे एनजीओ को शामिल किया गया है, जिसकी रिकार्ड काफी अच्छा रहा है। इसका मूल्यांकन सालाना नहीं बल्कि तिमाही के आधार पर होगा, और समय पर रिपोर्ट पेश करनी होगी। इस फोरम के अनुसार निर्मल ग्राम पंचायतों की सतत रिपोर्ट, शौचालयों का उपयोग, कार्य की मजबूती और लोगों में फैल रही जागरूकता के बारे में अध्ययन किया जाएगा।
इस अभियान को तेज करने के लिए 21 लाख लोगों को स्वच्छता सेना में जोड़ा जाएगा। जिसमें 13 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, 8.9 लाख आशा कार्यकर्ता समेत महिला स्वंय सहायता समूह को शामिल किया जाएगा।