एनसीईआरटी की किताबों से नहीं हटेगा कार्टून
देश में उठे कार्टून विवाद के बाद गठित छह सदस्यीय समिति ने अपनी जांच पूरी कर ली है। समिति का मानना है कि कार्टून सीखने के अच्छे साधन हैं। इन्हें पूरी तरह से हटाया नहीं जाना चाहिए। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष सुखदेव थोराट की अध्यक्षता वाली इस समिति ने एनसीईआरटी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
समिति ने राजनीति एवं सामाजिक विज्ञान की छह पाठ्य पुस्तकों के कार्टूनों, चित्रों व अन्य सामग्रियों की जांच की है। इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने संसद में आश्वासन दिया था कि उन्होंने आपत्तिजनक सामग्री हटाने और पुस्तकों का वितरण रोकने का निर्देश दिया है। पाठ्यपुस्तक के सलाहकार के रूप में अंबेडकर कार्टून को मंजूरी देने वाले योंगेंद्र यादव और सुहास पालसीकर ने विवाद खड़ा होने के बाद इस्तीफा दे दिया था।
एनसीईआरटी सूत्रों ने बताया कि बदलाव तत्काल प्रभाव से शामिल किये जाएंगे ताकि छात्रों को कोई असुविधा नहीं हो और संशोधित पुस्तकें समय से उन्हें उपलब्ध हो जाएं। समझा जाता है कि समिति ने नकारात्मक प्रभाव डालने वाली समाग्रियों में कुछ बदलाव करने तथा पाठ्यपुस्तक में उचित संशोधन करने की सिफारिश की है।