आदर्श घोटाला: शिंदे ने सारा कसूर देशमुख पर मढ़ा
शिंदे सन 2001 से 2003 के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे और उसी दौरान उन्होंने सोसाइटी बनाने के लिए भूमि का आवंटन किया था। उन्होंने इसकी फाइलों को मंजूरी दी थी। घोटाले की जांच कर रही दो सदस्यीय कमेटी ने शिंदे को पेश होने के आदेश दिया था। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री विलाश राव देशमुख और अशोक चौहान को भी 27 और 30 जून को कमेटी के सामने पेश होना है।
32 मंजिला आदर्श सोसाइटी अपार्टमेंट के आवंटन के समय भारी घोटाले का आरोप लगा हुआ है। यह अपार्टमेंट कारगिल युद्व में शहीद हुए नायकों के लिए बनायी गयी थी, लेकिन आवंटन के समय उनको दरकिनार कर दिया गया। इसके फ्लैट नेताओं और शासन के जुडे लोगों के नाम पर एलाट किये गये थे। फ्लैट की मांग बढ़ने के कारण उसको बनाने में भी नियम को ताक पर रखा गया था।
उच्च न्यायालय इस मामले की सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय तथा आयकर विभाग द्वारा की जा रही जांच की निगरानी कर रहा है। शिंदे ने अपनी पेशी के दौरान अपने आप पर लगे आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि सोसाइटी का कागज आफिस के लोंगों ने तैयार किया था, मैने तो केवल उसपर साइन किया था। उन्होंने देशमुख को भी इसके घेरे में लिया।