भ्रष्ट नहीं पर गुनाहगार तो जरूर है प्रधानमंत्री: हरीश खरे
ये बात डॉ खरे द्वारा एक अंग्रेजी अखबार द हिंदू को दिए गए इंटरव्यू में कही गयी है। आपको बताते चलें की ये वही अखबार है जिसमें डॉ खरे काम किया करते थे और अब प्रधानमंत्री कार्यालय की मीडिया टीम में टीवी पत्रकार पंकज पचौरी को शामिल करने के बाद डॉ. खरे को इस पद से हटा दिया गया है। ज्ञात हो की डॉ खरे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रशंसा करते हुए टीम अन्ना की भी जम कर आलोचना की।
इंटरव्यू में डॉ. खरे ने कहा कि यूपीए की दूसरी पारी में मनमोहन सिंह ने नीरा राडिया टेप मामले में कठोरता से काम नहीं किया। यह गंदगी का एक ऐसा गटर था जिसकी परिणति 2-जी घोटाले के रूप में सामने आई।इंटरव्यू में डॉ. खरे द्वारा ये भी कहा गया कि एक कुशल अर्थशास्त्री होने के बावजूद मनमोहन सिंह ने देश को विकास के ऐसे रास्ते पर डाल दिया जिससे असमानता और नाइंसाफी से भरा पूंजीवाद ही पनपा। प्रधानमंत्री वाकई इस बात के लिए दोषी हैं कि उन्होंने कॉर्पोरेट गठजोड़ को नहीं पकड़ा।
कॉर्पोरेट घरानों ने लोकतांत्रिक प्रणाली के खुलेपन का बेजा इस्तेमाल कर वैध शासन को कमजोर किया। जिससे उनकी ठगी पकड़ी न जाए और उन्हें कोई दंड न मिले।साथ ही खरे ने टीम अन्ना के बारे में भी टिपण्णी कि जहां उन्होंने कहा है कि टीम अन्ना को सिविल सोसाइटी मानने के लिए भी प्रधानमंत्री ही गुनहगार हैं। वह इनकी राजनीतिक महत्वकांक्षा को नहीं देख रहे। उनकी गलती यह रही कि वह टीम अन्ना के मीडिया प्रबंधन की क्षमता का सही आकलन नहीं कर पाए।
लेख के मुताबिक 2009 में मीडिया सलाहकार के तौर पर नियुक्ति के बाद पहली मुलाकात में प्रधानमंत्री ने खरे के साथ एक घंटे तक बातचीत की। उन्होंने खरे से कहा की अगर आपको कभी भी मेरे परिवार के सदस्यों के छल-कपट में लिप्त होने की जानकारी मिले तो आप बेझिझक मुझे बताएं। आप यह न सोचें कि मुझे अच्छा लगेगा या बुरा। खरे के मुताबिक प्रधानमंत्री की तरह ही सोनिया गांधी भी स्वच्छ राजनीति की पक्षधर हैं। यही कारण है कि इन पर आसानी से आरोप लगाए जा सकते हैं।