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सीने में खंजर घोंप दो मगर इमान पर अंगुली ना उठाओ: चिदंबरम

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Home Minister P Chidambaram
दिल्‍ली। राज्‍यसभा में सदन के दौरान अचानक एक अलग सा ही माहौल हो गया। एयरसेल-मैक्सिस सौदे में अपने बेटे को लाभ पहुंचाने के आरोपों से दुखी पी चिदंबरम ने विपक्ष के नेता अरूण जेटली के साथ अपनी 22 साल की दोस्‍ती का हवाला दिया और रूंधे हुए गले से कहा कि "मेरी इमानदारी पर सवाल उठाने से अच्‍छा है कि आप खंजर निकाकर मेरे सीने में घोंप दो।" आपको बाताते चलें कि जैसे ही बैठक शुरु हुई जेटली ने तथ्‍यों के हवाले से चिदंबरम को घेरना शुरु कर दिया।

इस हमलावर मुद्दे पर जबाव देने के लिये चिदंबरम ने आंकड़ों और भावनाओं का सहारा लिया। चिदंबरम ने कहा कि मैं स्‍पष्‍ट कर देना चाहता हूं कि मेरा या मेरे परिवार के किसी सदस्य का किसी टेलीकॉम कंपनी में आज की तारीख तक कोई शेयर नहीं है। उललेखनीय है कि सदन के भीतर चिदंबरम ने आज एक बार फिर एयरसेल-मैक्सिस डील स्‍पष्‍टीकरण दिया। चिंदबरम ने कहा कि उनके बेटे की फर्म केवल परामर्श देने का कार्य करती है और वो इस मामले में किसी भी तरह की जांच के लिए तैयारी हैं।

मालूम हो कि 2006 में जब यह डील हुई थी तो उस वक्‍त चिदंबरम वित्‍त मंत्री थे। उस वक्‍त एयरसेल-मैक्सिस के शेयर ग्लोबल कम्युनिकेशंस लिमिटेड द्वारा खरीदे जाने का प्रस्ताव जनवरी 2006 में सामने आया था। फिर 17 फरवरी 2006 को बोर्ड की बैठक की एजेंडे में इसे वितरित किया गया और 20 मार्च 2006 को इसे मंजूरी देने का पत्र जारी कर दिया गया। इस तरह कुल मिलाकर 49 दिन का समय लगा जबकि आम तौर पर इस तरह के प्रस्ताव की मंजूरी में 6 सप्ताह से लेकर छह माह तक का समय लग जाता है।

English summary
Home Minister P Chidambaram refuted the allegations against him on Aircel-Maxis deal and said "It would be simpler if someone took dagger and twisted it in my heart rather than questioned my integrity".
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