चुनाव में टीवी पर नहीं दहाड़ सकेगा शेर सिंह
न्यायमूर्ति सुदर्शन मिश्रा के समक्ष राणा के अधिवक्ता ने तर्क रखा कि उनका मुवक्किल अपने जीवन पर कथा लिख रहा है और टीवी चैनल वाले उसका साक्षात्कार लेना चाहते हैं, लेकिन तिहाड़ जेल प्रशासन इजाजत नहीं देर रहा। अदालत ने राणा के अधिवक्ता से पूछा कि आखिर वह जेल से क्यों भागा व कैसे अफगानिस्तान पहुंचा। अधिवक्ता ने कहा कि महाराणा प्रताप की अस्थियों को लेने के लिए वह गया था क्योंकि वहां अस्थियों का अनादर हो रहा था।
वहीं सरकारी वकील सुनील शर्मा ने उनके तर्कों को गलत बताते हुए कहा कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि वह अफगानिस्तान गया भी था या नहीं। इसके अलावा महाराणा प्रताप के तर्क भी बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि राणा जेल से फरार हो चुका है और वर्तमान में अतिसुरक्षा वाले वार्ड में है। इसके अलावा जेल अधिनियम में इस प्रकार के साक्षात्कार की कोई इजाजत का प्रावधान नहीं है।
इसके अलावा किसी भी टीवी चैनल ने तिहाड़ जेल प्रशासन से साक्षात्कार के लिए संपर्क नहीं किया। वहीं सीएमएम के आदेश के खिलाफ सेशन कोर्ट में जाना चाहिए था। आखिर अदालत के रवैया देख राणा के वकील ने समय मांग लिया व अदालत ने सुनवाई 14 मई तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले फूलन देवी की हत्या का आरोपी शेर सिंह राणा ब जनता की सेवा करने का इरादा जता चुका है। वकील राकेश वत्स के माध्यम से दायर याचिका में शेर सिंह राणा ने कहा था कि वह देश सेवा करना चाहता है। इसके लिए वह उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध जिलेकी जेवर विधानसभा सीट से आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना चाहता है।