माया पर बने नाटक ‘माई सैंडल’ पर रोक
आपको बताते चलें कि इस नाटक के निर्माता सत्यपथ और निर्देशक मुकेश वर्मा हैं। बातचीत के दौरान मुकेश वर्मा ने स्वीकार किया कि नाटक राजनीति और भ्रष्टाचार को आधार बनाकर लिखा गया है और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले को लेकर व्यंग्य है। नाटक की कहानी मायागढ़ की है, जहां राजा की बेटी अपने पिता को सत्ता से हटाकर प्रमुख बन जाती है।
राजकुमारी को सैंडल से काफी लगाव है। वह अपने एक विश्वासपात्र को विदेश सोने का सैंडल खरीदने के लिए भेजती है। नाटक की माने तो राजकुमारी का प्रिय हाथी एक दिन वह सोने का सैंडल खा जाता है। इलाज के लिये डज्ञॅक्टर आते हैं और हाथी को दवा देते हैं। उसके बाद मल द्वार से हाथी सैंडल बाहर निकालता है। इतना ही नहीं रोचक तो यह है कि सैंडल के साथ ही साथ हाथी मल द्वार से कई ऐसे राज उगलता है जो अबतक राजकुमारी ने दबा कर रखा था। नाटक के निर्देशक ने कहा कि इसमें किसी खास राजनीतिक दल को निशाना नहीं बनाया गया है, लेकिन यह एक राजनीतिक व्यंग्य है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने कहा है कि चुनाव के मद्देनजर इसके मंचन की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसका मंचन चुनाव के बाद हो सकता है।