ताज महल की झुंकी मीनार पर एएसआई ने सौपी रिपोर्ट
सर्वेक्षण के महानिदेशक गौतम सेन गुप्ता द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि दक्षिण पश्चिम मीनार 1976-77 तक काफी स्थिर रही लेकिन पिछले तीन दशकों में 2009-10 तक यह 3.57 सेंटीमीटर तक झुंकी। हलफनामें में कहा गया कि 359 साल पुरानी धरोहर के दक्षिण पश्चिम मीनार में पिछले नतीजों की तुलना में ज्यादा झुंकाव पाया गया।
एएसआई ने भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सर्वेक्षक निदेशक से यह निवेदन किया है कि भौगोलिक अध्ययन के लिए कोई दल इस साल के लिए नियुक्ति करे या फिर किसी अन्य संगठन, संस्थाओं के बारे में जानकारी दे, जो इस बारे में स्पष्ट जानकारी दे सके। हलफनामे में कहा गया था कि ताजमहल जैसी सभी महत्वपूर्ण इमारतों का हर साल भौगोलिक सर्वेक्षण और अध्ययन किया जाना चाहिए ताकि आने वाले वर्षों में उनके ढांचागत व्यवहार के बारे में नजदीक से पूरी जानकारी मिल सके।
याद
रहे
कि
जस्टिस
डीके
जैन
की
अध्यक्षता
वाली
विशेष
पीठ
ने
पिछली
सुनवाई
में
एसआई
को
छह
वर्ष
पुराने
आंकड़ों
के
आधार
पर
हलफनामा
दायर
करने
पर
कड़ी
फटकार
लगाई
थी।
अदालत
ताज
के
मामले
में
सन
1980
से
लगातार
आदेश
जारी
कर
रही
है।
गौरतलब
है
कि
एएसआई
ने
पिछले
हलफनामे
में
कहा
कि
सीबीआरआई
की
ओर
से
भी
एक
सर्वे
किया
गया
था
जिसमें
ताज
में
कोई
ढांचागत
परेशानी
नहीं
पाई
गई।