पूर्वोत्तर में 1855 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण
इस तरह की घटना बार-बार नहीं होती जब उग्रवाद की राह पर चलने वाले इतने समूहों ने एक साथ शांति, मेल-मिलाप और भाईचारे की राह अपनाई हो। चिदंबरम ने कहा कि मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत और असम की सरकार आपके साथ सम्मान और गरिमा के साथ भारत के नागरिक की तरह बर्ताव करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार उग्रवादियों का वापस मुख्य धारा में स्वागत करती है।
हमारा मानना है कि हमारे यहां गणतंत्र और लोकतंत्र है जहां हर किसी की आवाज सुनी जाती है। हर कोई सम्मान के साथ जीने का हकदार है। समारोह में मुख्यमंत्री तरूण गोगोई, सेना के तीन और चार कोर के जीओसी तथा पुलिस महानिदेशक जयंत नारायण चौधरी भी मौजूद थे। गृह मंत्री ने कहा कि सभी मतभेद बातचीत सलाहमशविरे और प्रयास से सुलझाये जा सकते हैं। अपने कमाण्डरों के नेतृत्व में उग्रवादियों ने 201 हथियार और गोलाबारूद सौंपे।