2002 से 06 के बीच गुजरात में हुई मुठभेड़ों की जांच के आदेश
यह नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका है। गौरतलब है कि फर्जी मुठभेड़ के मामले में इशरत जहां केस की भी जांच चल रही है। इशरत जहां मामले में भी कोर्ट ने इस मामले को निचली अदालत में मामला जारी रखने का आदेश दिया था। पहले इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने इस एनकाउंटर को सही बताया था। बाद में इसकी फिर से जांच करने के आदेश दिए गए थे।
नरेंद्र मोदी की सरकार पर पहले भी कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। अब इन मुठभेड़ों की जांच के फिर से आदेश आने पर उनकी सरकार को फिर से झटका लगा सकता है। नरेंद्र मोदी इस समय भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। ऐसे में अगर ये मुठभेड़ें फर्जी निकल जाती हैं तो उनकी दावेदारी भी मुश्किल में पड़ सकती है।
इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए एमवी शाह को पूरी स्वतंत्रता दी है। जांच के लिए वे जो कमेटी गठित करेंगे उसका चयन वे खुद करेंगे। इस पूरे मामले पर अपनी नजर सुप्रीम कोर्ट रखेगा। यानिकि अब सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तौर पर इस मामले में दखल दे दिया है।