सूर्य नमस्कार को लेकर मप्र में विरोध के स्वर
उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार धीरे और घातक तरीके से प्रदेश में शिक्षा का भगवाकरण कर रही है। उन्होंने सरकार को आगाह किया कि यदि सरकार अपने सामूहिक सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम पर आगे बढे़गी तो वे इसके खिलाफ अदालत में दस्तक देंगे। दूसरी ओर, स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनिस ने कहा कि सामूहिक सूर्य नमस्कार में भाग लेना स्वैच्छिक है।
उन्होंने कहा कि सूर्य न तो भगवा है और न ही हरा, इसका धर्म या धार्मिक रस्म या प्रथा से कोई लेना-देना नहीं है। सूर्य नमस्कार एक स्वास्थ्यप्रद योग क्रिया है और हम इसे थोप नहीं रहे हैं। यह सभी के लिए बाध्य नहीं है, जो लोग इसमें भाग नहीं लेना चाहते, वे खुशी से इसे छोड सकते हैं। उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार एक स्वास्थ्यप्रद व्यायाम है, जिसे दुनियाभर के वैज्ञानिकों एवं स्वास्थ विशेषज्ञों ने भी माना है। हम चाहते हैं कि बच्चे स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। इस मामले में यही हमारा एकमात्र उद्देश्य है।