'स्कूल जाते 22 करोड़ पर कालेज केवल 1.5 करोड़'
उन्होंने कहा कि देश में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए एक खरब डालर के निवेश की जरूरत है, जबकि अगले दशक में शिक्षा के क्षेत्र में 400 अरब डालर के निवेश की जरूरत है। मंत्री ने कहा कि देश के विकास के लिए शैक्षणिक प्रगति, आथिर्क विकास के समान ही महत्वपूर्ण है। बाधवानी फाउंडेशन और वर्जिनिया फाउंडेशन सामुदायिक कालेज के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर से संबंधित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिब्बल ने कहा कि अमेरिका में दक्ष मानव संसाधन हैं, लेकिन रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं।
दूसरी ओर भारत में रोजगार के अवसर हैं लेकिन दक्ष मानव संसाधन की कमी है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें भारत और अमेरिका एक दूसरे के साथ सहयोग कर सकते हैं। सिब्बल ने कहा कि भारत में अभी 22 करोड़ बच्चे स्कूल जाते हैं जबकि महज 1.5 करोड़ ही कालेजों तक पहुंच रहे हैं। यह बहुत बड़ा अंतर है जिसे पाटना हमारे समक्ष महत्वपूर्ण चुनौती है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा को रोजगारपरक बनाना और दक्षता उन्नयन एक महत्वपूर्ण चुनौती है जिसे सामुदायिक कालेजों के माध्यम से दूर किया जा सकता है। सामुदायिक कालेज दक्षता उन्नयन के केंद्र के रूप में काम कर सकते हैं। कायर्क्रम को भारत में अमेरिका के राजदूत पीटर बर्गलिघ, सेनेटर मार्क वानर्र और वर्जीनिया फाउंडेशन सामुदायिक कालेज के कुलपति डा. ग्लेन डूब्यास ने भी संबोधित किया।