कुख्यात नक्सली नेता किशनजी सालभर पहले मरकर जिंदा हो गया था
जी हां यह सुनकर आप भ्रम में पड़ जायेंगे मगर यह सच है। वाक्या वर्ष 2010 के मार्च माह की है। पुलिस और नक्सलियों के बीच घंटों चली मुठभेड़ के बाद एक खबर आई थी किशनजी मारा गया जो बात में गलत साबित हो गई थी। हालांकि यह सच था कि किशनजी मुठभेड़ में काफी जख्मी हो गया था और तभी से किसी गुपत स्थान पर जाकर रह रहा था। उस समय पुलिस ने यह कहा था किशनजी की मौत हो चुकी है और उसके स्थान पर द्विजोन हेम्ब्रम ने बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल व उड़ीसा में नक्सली ऑपरेशन की कमान संभाल ली है।
मगर इस घोषणा के 3 माह बाद यानि कि जुलाई 2010 में किशन ने एक अज्ञात स्थान मीडिया को फोन कर अपने जीवित होने की खबर दी थी। उसने मीडिया से कहा था कि पुलिस उसका मनोबल तोड़ने में लगी है और इसी क्रम में वह ऐसी अफवाहों को हवा दे रही है। आपको बताते चलें कि पश्चिम बंगाल के कई मीडियाकर्मियों से किशनजी के अच्छे संबंध थे और वह लागातार उनके संपर्क में रहता था। मालूम हो कि गुरुवार की शाम कोबरा बटलियन और पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन कर कुख्यात नक्सल नेता किशनजी को मार गिराने का दावा किया है।