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भूमि अधिग्रहण में कम हो सरकार का दखल: रालोद

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Proposed Land Acquisition Bill Impractical: RLD
लखनऊ। भूमि अधिग्रहण में सरकार का दखल कम हो। किसानों की जमीन का अधिग्रहण उसी सूरत में हो जब उद्योग में सरकारी हिस्सेदारी हो। यह मांग करते हुए राष्ट्रीय लोकदल ने केन्द्र सरकार द्वारा लाये जा रहे भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन की मांग की है। रालोद महासचिव एवं सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाये जा रहे भूमि अधिग्रहण कानून का स्वागत है लेकिन इसमें सरकार का हस्तक्षेप कम से कम होना चाहिए।

श्री चौधरी ने नये विधेयक में कई बातों पर संशोधन की जरूरत जतायी है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगपतियों के लिए भूमि अधिग्रहण न करे। उद्योगपति खुद किसान से जमीन खरीदे। रालोद सरकारी भूमि अधिग्रहण विधेयक के कई बिंदुओं से सहमत नहीं है। उन्होंने उपजाऊ भूमि के अधिग्रहण का गलत ठहराते हुए कहा है कि सरकार उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण न करे। किसानों की जमीन का अधिग्रहण उसी सूरत में हो जब उद्योग में सरकारी हिस्सेदारी कम से पचास प्रतिशत से अधिक हो।

उन्होंने कहा कि कई मामलों में योजना बनाने से पहले जमीन का अधिग्रहण कर लिया जाता है वह उचित नहीं है। यूपी में भूमि अधिग्रहण कानून के बेजा इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की बसपा सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून का दुरुपयोग करके पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाया है। नये कानून में कोई ऐसा प्रावधान नहीं होना चाहिए जिसकी आड़ में सरकार मनमानी कर सके। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अन्ना हजारे का समर्थन करते हुए रालोद महासचिव ने कहा कि अन्ना हजारे ने जो आन्दोलन शुरु किया है रालोद ने पहले ही उसका समर्थन किया है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने इस आन्दोलन को कुचलने का प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। श्री चौधरी ने कहा कि अन्ना टीम के कुछ सदस्यों ने सांसदों के आचरण के बारे मे कुछ टिप्पणी की लेकिन उन्हें इतनी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। शनिवार को लखीमपुर खीरी में हुई पर उन्होंने कहा कि इसकी मुख्य वजह भ्रष्टाचार है।

उन्होंने कहा कि आज भ्रष्टाचार एक बडा मुद्दा है और इसे नकारा नहीं जा सकता। वहीं विधानसभा चुनाव में गठबंधन के बारे में उन्होंने कहा कि भाजपा और बसपा को छोड़कर अन्य दलों के लिए बातचीत करने के लिए उनके दरवाजे खुले हैं। उन्होंने बताया कि बसपा छोड़कर के कई नेता रालोद में शामिल हुए हैं।

Comments
English summary
The Rashtriya Lok Dal termed the proposed Land Acquisition Bill as "impractical and ineffective", saying it lacked enough provisions to safeguard farmers against any pressure from the government machinery. "The draft says acquisition could be done when 80 per cent of the farmers agree to it. But I want to ask, can farmers stand against the pressure of government machinery," RLD MP Jayant Chowdhury said.
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