राजनीति भुनाने एक साथ आए राज व उद्धव ठाकरे
यह रैली उन मजदूरों के पुनर्वास को लेकर थी जिन्हें 1990 में टेक्सटाइल इंडस्ट्री की मिलों के बंद होने के बाद फैक्ट्रियों से निकाल दिया गया था। मजदूर इसके लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इसके लिए इन लोगों ने वीरमाता जीजाबाई चौके से लेकर आजाद मैदान तक पैदल मार्च निकाला। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने इस पैदल मार्च में हिस्सा तो लिया लेकिन अलग-अलग जगहों पर।
पहले मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे अपने समर्थकों के साथ इस पैदल मार्च में हिस्सा लेने पहुंचे उसके बाद शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भाजापा नेता विनोद तवाड़े के साथ रैली में हिस्सा लेने पहुंचे। 5 साल बाद यह पहला ऐसा मौका है जब दोनों भाइयों को एक ही रैली में हिस्सा लेते हुए देखा गया हो। शिवसेना की जिम्मेदारी राज ठाकरे को न सौंपे जाने से नाराज होकर उन्होंने अपनी अलग पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना नाम से अपनी अलग पार्टी बना ली थी।