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वह एक करोड़ में बना देता था राज्यमंत्री

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Person who makes state ministers in Rs. 1 crore
लखनऊ। सचिवालय का पास लगी स्कॉर्पियो गाड़ी अक्सर सचिवालय परिसर में आती जाती थी। सुरक्षा गार्ड से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक गाड़ी में बैठने वालों का सलाम करता था। गाड़ी में बैठने वाले शक्स का दावा था कि यदि एक करोड़ रुपये खर्च किए जाएं तो कोई भी व्यक्ति राज्यमंत्री का दर्जा पा सकता है। यह काम वह चुटकियों में करा सकता है। प्रमुख सचिव गृह से लेकर शासन सत्ता के ऊंचे पदों पर बैठे अधिकारियों के साथ बहुत अच्छी सेटिंग है।

कर्मचारी की असलियत उस वक्त खुली जब एसटीएफ ने उसे धर दबोचा। उसके पास से राजनेताओं व प्रमुख सचिवों के लेटर पैड व प्रमुख सचिव गृह का हस्ताक्षर युक्त पत्र भी बरामद हुए। विशेष पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था बृजलाल ने बताया कि मुजफ्फरनगर निवासी राजवीर सिंह ने प्रमुख सविच ग्रह को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि राजीव मिश्रा, विकास शर्मा व अनिल चौधरी नाम के व्यक्ति राज्यमंत्री का दर्जा व गनर दिलाने के नाम लाखों रुपए वसूल रहे है।

मामला एसटीएफ के सिपुर्द किया गया जिसके बाद मेरठ फील्ड इकाई ने मुज फरनगर के सिविल लाइन इलाके में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया। राजीव मिश्रा नाम का व्यक्ति पुलिस की फाइलों में वांछित चल रहा था। पूछताछ में कई बातों का खुलसा हुआ। एसटीएफ ने लखनऊ बादशाहनगर चौराहे से अनूप श्रीवास्तव को उठाया।

राजीव मिश्रा के कब्जे से पुलिस ने प्रमोद कुमार अध्यक्ष उत्तर प्रदेश सहकारी मोटर परिवहन संघ लिमिटेड तथा राजवीर सिंह उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश सहकारी खादी ग्रामोद्योगिक वस्तु उत्पादन एवं विपणन संघ लिमिटेड के सादे लेटर हेड मिले। उनके पास से कुंवर फतेह बहादुर सिंह प्रमुख सचिव ग्रह के फर्जी हस्ताक्षरयुक्त पत्र व सीडी मिली जिसमें अनिल चौधरी द्वारा राजवीर सिंह को उपाध्यक्ष बनाये जाने व राज्यमंत्री का पद दिये जाने की जानकारी थी। अपून के पास मोबाइल बरामद हुआ। श्री लाल ने बताया कि अनूप श्रीवास्तव सचिवालय का निलंबित कर्मचारी है।

वह एमयू खान व अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी राज्यमंत्री बनाने के नाम पर 80 लाख से 1 करोड़ तक वसूल रहे थे। श्री लाल ने बताया कि पकड़ गया राजीव मिश्रा गिरोह का सरगना है। फर्जी काम कराकर लोगों से लाखों रुपए तक वसूलता है। वह गाजियाबाद में 12 हजार रुपए पर एक मकान में किराये पर रहता है। दिल्ली एवं लखनऊ की यात्री हवाई जहाज के करता है और लखनऊ में महंगे होटल में ठहरता था। गिर तार राजीव ने बताया कि अनूप सचिवालय का पास उपलब्ध कराता था। पुलिस उसके अन्य साथियों की तलाश कर रही है।

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English summary
Uttar Pradesh police held a person who was actually a big broker. He even made many politicians and bureaucrats state minister, in just Rs. 1 crore. But now he is in police custody.
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