क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

उत्‍तर प्रदेश में जातिवाद के जाल में फंसी भाजपा

By अजय मोहन
Google Oneindia News

उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अगले साल होने हैं, सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने वोटबैंक मजूत करने के लिए घोड़े खोल दिये हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस को मजबूती देने के लिए राहुल गांधी युवाओं को टार्गेट कर रहे हैं, वहीं सत्‍ता धारी बहुजन समाज पार्टी दलितों और ब्राह्मणों के वोटबैंक को पक्‍का करने में जुटी है। समाजवादी पार्टी के यादव और मुस्लिम पहले से ही पक्‍के हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी का कोई नहीं। आलम यह है कि भाजपा यूपी में जातिवाद के जाल में बुरी तरह फंस गई है।

जी हां यह बात सच है और भाजपा के लिए कड़वी भी। 1990 के दशक में उत्‍तर प्रदेश में हिन्‍दूवादी राजनीति हावी करने का डंका पीटने वाली भाजपा ने ब्राह्मण समाज से जमकर वोट बटोरे और सत्‍ता में आयी। आज हो या कल, भाजपा हमेशा से हिन्‍दुओं के पक्ष में रही है। शायद यही कारण है कि आज वो उत्‍तर प्रदेश के मतदाताओं के बीच जाकर यह नहीं समझ पा रही है, कि उसका
वोट-बैंक कहां है।

सत्‍ताधारी बसपा जिन ब्राह्मण और दलितों के बल पर पिछली बार सत्‍ता में आयी थी, वो उन्‍हें दोबारा से लुभाने के प्रयास में है। वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव एक बार फिर मुस्लिम समाज के हिमायती बन गये हैं। आजम खां को पार्टी में वापस लेकर मुलायम ने बहुत दूर की सोची थी और आज उनके सोचे हुए समीकरण आज कारगर साबित होते नज़र आ रहे हैं। यादव समाज हमेशा से ही सपा के साथ रहा है।

वहीं कांग्रेस ने पिछले तीन वर्षों में राज्‍य के युवाओं की बड़ी ब्रिगेड खड़ी की है। खास बात यह है कि राहुल गांधी की इस ब्रिगेड में ना कोई हिन्‍दू है और ना मुसलमान। सब एक हैं। जी हां जातिवाद की राजनीति को ताक पर रखकर आगे बढ़ रही कांग्रेस की सफलता में अगर कुछ आड़े आयेगा तो वो हैं घोटाले जो केंद्र में हुए।

इन सबके बीच भाजपा अब फंस गई है। ना हिन्‍दू उनके हैं, ना मुसलमान और ना दलित ना यादव? किससे वोट मांगना है, यह तक भाजपा को समझ नहीं आ रहा है। इसकी साफ झलक भाजपा की हर रैली में दिखाई दे जाती है, जब पार्टी के नेता अहम मुद्दों से हटकर वापस राम मंदिर पर चले जाते हैं। प्रदेश अध्‍यक्ष सूर्य प्रकाश शाही के साथ राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष नितिन गडकरी का यूपी दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इस समय राज्‍य के हर बड़े शहर में महासंग्राम रैलियों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि भाजपा अपने खोये हुए मतदाताओं को वापस ला सके।

खैर किसको कितनी सफलता मिलेगी, यह तो अगले साल ही पता चलेगा, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि उत्‍तर प्रदेश में वोट की राजनीति इस समय चरम पर है।

Comments
English summary
Uttar Pradesh Assembly Elections are coming closer. All the political parties are spending their whole energy to strengthen the vote-bank. Here the caste factor is still grim for all parties and that is why Bhartiya Janta Party has no clue, where to go.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X