JPC-PAC के बीच अटकी भाजपा, पार्टी में दो-फाड़
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जेपीसी की मांग पर अड़ी भाजपा को उस समय झटका लगा जब मुरली मनोहर जोशी ने सोमवार को पीएसी की बैठक बुलाई। इस मामले पर जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री को भी समिति के सामने हाजिर होने के लिए उचित समय पर ही विचार किया जाएगा। इससे पहले प्रधानमंत्री ने खुद पीएसी के अध्यक्ष जोशी को पत्र लिखकर कहा था कि वे समिति के सामने 2जी मामले पर अपनी सफाई देने के लिए तैयार हैं. जोशी के बयान से भाजपा की उस मुहिम को झटका लगा है जिसमे पार्टी चाहती थी कि सरकार जेपीसी का गठन करे और प्रधानमंत्री जेपीसी के सामने 2जी मामले पर सफाई दें।
पीएसी की बैठक के बाद लोकसभा मे विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि नियमों के मुताबिक पीएसी प्रधानमंत्री से निचले स्तर के किसी मंत्री तक को भी पूछताछ के लिए नहीं बुला सकती तो फिर प्रधानमंत्री समिति के सामने कैसे जवाब देने की बात कर सकते हैं । पीएसी केवल संसदीय खातों की जांच के लिए उपयुक्त है और ऎसे में प्रधानमंत्री के पीएसी के समक्ष हाजिर होने के प्रस्ताव का कोई औचित्य ही नहीं है। स्वराज के अनुसार 2जी मामले पर जेपीसी ही सही तरह से जांच कर सकती है।
पीएसी के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने स्पष्ट किया है कि 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में जांच के लिए उनका पैनल स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता जोशी की राय लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज से अलग दिख रही है। सुषमा ने ट्वीट किया है कि लोकसभा नियमों के अनुसार पीएसी किसी मंत्री को भी नहीं बुला सकती, प्रधानमंत्री की तो बात ही दूर है. ऐसे में प्रधानमंत्री की पेशकश का कोई मतलब नहीं है।