मप्र में फर्जी डिग्रियां बेचे जाने का भंडाफोड़
उच्च शिक्षा विभाग को शिकायतें मिली थीं कि छात्र-छात्राओं को गुमराह कर डिग्रियां बेचने का कारोबार चलाया जा रहा है। शिकायत के आधार पर मंगलवार को एक साथ 40 स्थानों पर छापा मारा गया। भोपाल में तीन सदस्यीय दल ने दो संस्थानों पर छापा मारा। छापे में पता चला कि इन संस्थानों की न तो किसी विश्वविद्यालय से सम्बद्घता है और न उनके पास सरकार का अनापत्ति प्रमाण पत्र ही है।
जांच दल को इन संस्थानों से फर्जी अंकपत्र, ब्रोशर व रेट लिस्ट प्राप्त हुए। इससे पता चलता है कि यहां इंजीनियरिंग और प्रबंधन की डिग्री एक-एक लाख रुपये में बेची जाती थी। इतना ही नहीं डिग्री बेचने वाले ये संस्थान एक-एक कमरे में सिमटे पाए गए। फर्जी डिग्री बांटने वाले इन संस्थानों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।उच्च शिक्षा विभाग को शिकायतें मिली थीं कि छात्र-छात्राओं को गुमराह कर डिग्रियां बेचने का कारोबार चलाया जा रहा है। शिकायत के आधार पर मंगलवार को एक साथ 40 स्थानों पर छापा मारा गया। भोपाल में तीन सदस्यीय दल ने दो संस्थानों पर छापा मारा। छापे में पता चला कि इन संस्थानों की न तो किसी विश्वविद्यालय से सम्बद्घता है और न उनके पास सरकार का अनापत्ति प्रमाण पत्र ही है।