'वन रैंक-वन पेंशन' इतनी जल्द नहीं : एंटनी
पूर्व सैनिकों ने इस व्यवस्था को बहाल किए जाने की मांग को लेकर अपने पदक वापस करने का चरम कदम तक उठा लिया है।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरूण जेटली द्वारा शून्य काल के दौरान उठाए गए इस मुद्दे के जवाब में, जिसका कि कांग्रेस सहित लगभग सभी पार्टी के सदस्यों ने समर्थन किया, एंटनी ने कहा कि वन रैंक-वन पेंशन का क्रियान्वयन एक जारी रहने वाली प्रक्रिया है।
एंटनी ने कहा, "फिलहाल हम वन रैंक-वन पेंशन व्यवस्था लागू तो नहीं कर सकते, लेकिन हम उस लक्ष्य के करीब पहुंच रहे हैं। यह एक लंबी प्रक्रिया है।"
जेटली ने मुद्दे को उठाते हुए कहा कि यद्यपि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बजट भाषण में इसका जिक्र किया गया था, लेकिन वन रैंक-वन पेंशन व्यवस्था अभी तक लागू नहीं की गई।
जेटली ने कहा, "न तो पांचवे वेतन आयोग में इस मुद्दे को सुलझाया गया और न तो छठें वेतन आयोग में ही। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी संकेत दिया था कि इसके लिए एक समिति गठित की जाएगी, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।"
जेटली ने यह भी कहा कि पूर्व सैनिकों को अपना पदक लौटाने जैसा चरम कदम नहीं उठाना चाहिए। जेटली ने कहा, "पदक, राष्ट्र द्वारा सैनिकों को दिया गया एक सम्मान है। इसलिए मैं उनसे निवेदन करता हूं कि अपने पदक न लौटाएं।"
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्य सीताराम येचुरी और कांग्रेस के पी.जे.कुरियन के अलावा अन्य कई सदस्यों ने जेटली का समर्थन किया।
कुरियन ने कहा, "मैं सरकार से भी निवेदन करूंगा कि वह 40 वर्ष की उम्र से पहले सेवानिवृत्त हो रहे हजारों जवानों के इस मुद्दे को सुलझाए।"
एंटनी ने कहा कि यद्यपि एक पद एक पेंशन व्यवस्था अभी दूर है, लेकिन पूर्व सैनिकों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से कई सारे कदम उठाए गए हैं।
एंटनी ने कहा, "प्रधानमंत्री ने पूर्व सैनिकों के मुद्दे को सुलझाने के लिए एक समिति गठित की थी। समिति ने पांच क्षेत्रों में अपनी सिफारिशें दी और सभी को स्वीकार कर लिया गया है।"
एंटनी ने कहा, "सरकार ने लगभग 12 लाख पूर्व सैनिकों का पेंशन बढ़ा दिया है। हम उनके लिए देश भर में 197 अतिरिक्त चिकित्सालय भी खोल रहे हैं।"
ज्ञात हो कि रविवार को 5,000 से अधिक पूर्व सैनिकों ने, वन रैंक-वन पेंशन की अपनी मांग के प्रति सरकार की उदासीनता के विरोध में अपने पदक लौैटा दिया। पूर्व सैनिकों ने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील को एक ज्ञापन भी सौंपा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।