वन्यजीव तस्कर को 6 वर्ष का कारावास
अतिरिक्त मुख्य महानगरीय दंडाधिकारी (विशेष कानून), दिग्विनय सिंह ने यह फैसला सुनाया।
संसार चंद को एक तेंदुए की खाल के साथ दिल्ली पुलिस ने सदर बाजार इलाके में 1995 में रंगे हाथों पकड़ा था। अन्य वन्यजीव अपराधों के लिए संसार चंद 2005 से जेल में है। वह अब सत्र न्यायालय में फैसले को चुनौती दे सकता है।
गैर सरकारी संगठन वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूटीआई) ने एक बयान में कहा है, "इस फैसले ने वन्यजीव संबंधी आपराधिक मामलों के इतिहास में एक अभूतपूर्व उदाहरण स्थापित किया है, क्योंकि संसार चंद को वन्यजीव सुरक्षा कानून के तहत निर्धारित अधिकतम सजा सुनाई गई है।"
डब्ल्यूटीआई के उपाध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा, "हम इस घटना से पूरी तरह रोमांचित हैं। यह अब तक का पहला उदाहरण है, जब किसी व्यक्ति को भारत में वन्यजीव अपराध के लिए अधिकतम सजा सुनाई गई है।"
अशोक कुमार ने कहा, "यद्यपि भारतीय वन्यजीव कानून को सर्वोत्तम कानूनों की श्रेणी में गिना जाता है, लेकिन अक्सर इन कानूनों की पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं किया जाता। यह मामला एक शुरुआत का संकेत है और उम्मीद है कि यह वन्यजीव अपराधों के लिए एक मजबूत निवारक के रूप में काम करेगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।