बेंगलुरू में 'स्पेस एक्सपो 2010' शुरू
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) मिलकर चार दिवसीय 'बेंगलुरू स्पेस एक्सपो, 2010' का आयोजन कर रहे हैं। इसमें अंतरिक्ष के व्यावसायीकरण, दूर संवेदन और नौवहन पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
शहर के बाहरी इलाके में स्थित बेंगलुरू अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र (बीआईईसी) में आयोजित मेले ने ब्रिटेन, डेनमार्क, फ्रांस, इंडोनेशिया, इजरायल, जापान, कोरिया, थाईलैंड और अमेरिका सहित दर्जनों देशों के प्रतिनिधियों को आकर्षित किया है।
नेशनल एयरोनाटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा), यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (एसए), ईएडीएस आस्ट्रियम, ग्लोनास, मेसाट, स्काईटेरा, जापानी अंतरिक्ष एजेंसी, एशिया ब्रॉडकास्ट सेटेलाइट, सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) जैसी कई बड़ी अंतरिक्ष संस्थाओं सहित गोदरेज एंड बॉयस, लार्सन एंड टुब्रो तथा देवास मीडिया जैसी कंपनियां प्रदर्शनी में हिस्सा ले रही हैं।
अंतरिक्ष उपग्रहों का 120 अरब डॉलर का मौजूदा बाजार तेजी से बढ़कर आने वाले वर्षो में 12 खरब का होने वाला है। इस समय करीब 3,000 मानव निर्मित उपग्रह पृथ्वी का चक्कर लगा रहे हैं।
सीआईआई के पूर्व अध्यक्ष वेणु श्रीनिवासन ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़ा व्यवसाय पिछले दशक में अप्रत्याशित तरीके से बढ़ा है। पूरी दुनिया में प्रक्षेपण सेवा की बढ़ती क्षमता ने अंतरिक्ष में व्यावसायिक प्रक्षेपण की लागत को काफी घटाया भी है।
आधारभूत ढांचे, मौसम पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन, दूरसंचार और कृषि क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की बढ़ती मांग को देखते हुए प्रदर्शनी का उद्देश्य ऐसी चुनौतियों से निपटने का मजबूत आधार तैयार करना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।