पंजाब में बाढ़ से बचने के लिए सैंकड़ों का पलायन
सतलुज नदी के तटबंध में तकरीबन 100 फुट चौड़ी दरार के कारण लौदीपुर, गज्जपुर , बुर्ज, नांगली, दस्दगै्रन, हरिवाल, निक्कु वल, मेंहदी कलां और सैनी माजरा गांवों में पानी भर गया है। इसे देखते हुए प्रशासन बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत शिविर स्थापित करने के काम में तेजी से जुटा हुआ है।
रोपड़ जिले के उपायुक्त अरुणजीत सिंह मिगलानी नें आईएएनएस को बताया, "हम तटबंध में आई दरार को बंद करेंगे।"
फिरोजपुर और नवांशहर जिलों के गांवों में भी बाढ़ की जानकारी मिली है। बाढ़ के पानी में रेलमार्गो के डूब जाने की वजह से फिरोजपुर की तरफ जाने वाली रेलगाड़ियों के रास्ते में बदलाव किया गया है।
भाखड़ा बांध में जलस्तर 225 मीटर बनाए रखने के लिण् भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड (बीबीएमबी) 21 अगस्त से सतलुज नदी में पानी छोड़ रहा है। भाखड़ा बांध से मंगलवार को 68,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
पानी छोड़े जाने की वजह से लुधियाना, फिरोजपुर, नवांशहर और रोपड़ जिले के निचले इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इसके अलावा आनंदपुर साहिब और किरतपुर साहिब इलाके भी बाढ़ के घेरे में आ गए हैं।
भाखड़ा बांध में बुधवार शाम तक पानी का स्तर 1,682 फुट तक पहुंच सकता है। यहां पानी का स्तर रोजना एक फुट बढ़ रहा है।
इधर, हरियाणा में यमुना में पानी का स्तर थोड़ा कम हुआ है लेकिन यमुनानगर, करनाल, सोनीपत, पानीपत, फरीदाबाद और पलवल जिले में अभी भी बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी है।
हरियाणा के मुख्य अभियंता हरिमल सिंह ने बताया, " हथिनी कुंड बैराज से यमुना में 90,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। नदी का पानी यमुनानगर जिले के कलेसर, बीबीपुर, भागपुर, ओदरी, बागवाली, जठलाना, गुमठाला कमालपुर तपू गांवों में घुस गया है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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