बिहार में अराजपत्रित कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल
राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) और बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने गत 17 अगस्त को ही 23 अगस्त से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था। दोनों महासंघों ने मिलकर 'संयुक्त संघर्ष मोर्चे' का गठन किया है। हालांकि सचिवालय संघ ने अब तक इस हड़ताल से अपने आप को अलग रखा है।
संयुक्त संघर्ष मोर्चे का आरोप है कि राज्य सरकार ने पूर्व समझौते के मुताबिक अब तक कोई कारगर पहल नहीं की है। इस कारण उन्हें फिर से हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ा।
बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महामंत्री राजकिशोर राय ने दावा किया है कि उनकी सात सूत्री मांगों की पूर्ति के बिना हड़ताल खत्म नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले राज्यकर्मी सात जनवरी 2009 को बेमियादी हड़ताल पर चले गये थे और 34 दिनों के बाद नौ फरवरी को सरकार से समझौते के बाद उनकी हड़ताल खत्म हुई थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।