जमानत के लिए उच्च न्यायालय पहुंचा राठौड़
चण्डीगढ़, 26 मई (आईएएनएस)। बहुचर्चित रुचिका गिरहोत्रा मामले में दोषी और हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एस. पी. एस. राठौड़ ने जमानत के लिए बुधवार को अपनी वकील पत्नी आभा राठौड़ के जरिए हरियाणा उच्च न्यायालय में गुहार लगाई।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश गुरबीर सिंह ने मंगलवार को राठौड़ की सजा छह महीने से बढ़ाकर 18 महीने कर दी थी। इस फैसले के बाद राठौड़ को हिरासत में ले लिया गया था।
अदालत से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि राठौड़ स्वास्थ्य की बुनियाद पर जमानत की मांग की है। उसने कहा है कि उसकी बाईपास सर्जरी हुई है और उसे चिकित्सीय देखभाल की जरूरत है।
अधिकारियों ने राठौड़ का भविष्य फिलहाल उच्च न्यायालय की जल्द सुनवाई पर निर्भर करता है। 29 जुलाई से न्यायालय एक महीने के लिए बंद हो रहा है और ऐसे में राठौड़ को राहत मिलने में मुश्किल आ सकती है।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा के पंचकुला में रहने वाली 15 वर्षीय रुचिका के साथ अगस्त, 1990 में राठौड़ ने छेड़छाड़ की थी। इस घटना के तीन साल बाद रुचिका ने आत्महत्या कर ली थी। बीते कई वर्षो से रुचिका के परिजन न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में राठौड़ को रुचिका के साथ छेड़छाड़ के मामले में दोषी ठहराया था। अदालत ने दिसंबर, 2009 में राठौड़ को छह महीने के कारावास की सजा सुनाई थी और 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। सजा सुनाए जाने के बाद हालांकि उसे जल्द ही जमानत मिल गई थी।
राठौड़ ने गत जनवरी में खुद को दोषी ठहराने के फैसले के खिलाफ अदालत में चुनौती दी थी। सीबीआई ने राठौड़ की अपील का विरोध करते हुए उसकी सजा बढ़ाए जाने संबंधी याचिका दायर की। सीबीआई ने उसकी सजा को छह महीने से बढ़ाकर दो वर्ष करने का अनुरोध किया। इसके बाद अदालत का यह फैसला आया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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