बुरे फंस गडकरी, कद को लेकर उठे सवाल (राउंडअप)
गडकरी ने हालांकि अपनी टिप्पणी पर खेद जताते हुए माफी मांग ली है। पार्टी भी सबसे इस अध्याय को समाप्त करने की बात कह रही है लेकिन बिहार विधान सभा के आगामी चुनाव के मद्देनजर लालू यादव चुप नहीं रहने के मूड में दिख रहे हैं और सपा भी सड़कों पर उतर आई है।
उधर, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने गडकरी की टिप्पणी पर कहा, "गडकरी का राजनीतिक कद ऐसा नहीं है कि इस बड़े मंच से उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी जाए।"
लालू यादव ने तो गडकरी की टिप्पणी को संसदीय लोकतंत्र को कलंकित करने वाला बताया है और कहा है कि उनके कार्यकर्ता संघर्ष के जरिये उन्हें सबक सिखाएंगे। लालू यादव ने पटना में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, "गडकरी तो वार्ड कमिश्नर तक के लायक नहीं है पता नहीं भाजपा और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) ने उनमें क्या देखा कि उन्हें अध्यक्ष बना दिया।" राजद कार्यकर्ताओं ने गडकरी के पुतले भी फूंके।
सपा गडकरी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। उसके कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में सड़कों पर उतर आए हैं। पार्टी प्रवक्ता मोहन सिंह ने आईएएनएस से कहा, "गडकरी की टिप्पणी जातीय भेदभाव से संबंधित है। हम कानूनी सलाह लेंगे और उनके खिलाफ मामला दर्ज करेंगे।"
गडकरी द्वारा अपने बयान पर माफी मांगे जाने पर सिंह ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष को करोड़ों दलितों और पिछड़ों व अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से भी मांगनी चाहिए, जो उनके बयान से आहत हुए हैं।
सिंह ने कहा कि आरएसएस खुद को भारतीय संस्कृति का संरक्षक होने का दावा करती है लेकिन गडकरी, जिन्हें आरएसएस का समर्थन प्राप्त है, यादवों के खिलाफ अपने पूर्वाग्रह को प्रदर्शित कर रहे हैं। किसी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष द्वारा ऐसी भाषा का प्रयोग करना शोभा नहीं देता है।
गडकरी के इस बयान पर भाजपा नेता कलराज मिश्र ने कहा कि नेताओं को बयानबाजी करते वक्त संयम और मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव ने भी गडकरी के इस बयान की आलोचना की है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा अध्यक्ष गडकरी अपने बयानों को लेकर पहली बार विवादों में नहीं आए हैं। इससे पहले उन्होंने आईपीएल से जुड़े विवाद पर केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल तथा चीयर्स लीडर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।