मुजफ्फरनगर में 'मृत' प्रेमी जोड़ा थाने पहुंचा
मुजफ्फरनगर, 9 मई (आईएएनएस)। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में सम्मान के नाम पर एक प्रेमी जोड़े अजित और अंशु की हत्या के मामले में रविवार को एक नया मोड़ आ गया। अजित और अंशु रविवार को खुद थाने में हाजिर हो गए।
इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया क्योंकि वह मामले को सुलझाने का दावा कर चुकी थी। पुलिस ने दावा किया था कि सामाजिक सम्मान के नाम पर दोनों की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने एक शव बरामद किया था जिसकी शिनाख्त अजित के रूप में हुई थी जबकि लड़की अंशु के शव की तलाश की जा रही थी।
पुलिस के अनुसार मुजफ्फरनगर के कूकड़ा गांव का रहने वाला अजित सैनी मुजफ्फरनगर के एक कॉलेज से व्यापार प्रबंधन में स्नातक (बीबीए) कर रहा था। शहर के बच्चन सिंह कालोनी की अंशु तोमर के साथ उसका प्रेम संबंध था। अंशु बड़ौत की रहने वाली है और यहां अपनी मौसी के घर रहकर पढ़ाई कर रही थी। दोनों इसी माह शादी करने वाले थे। पिछले ढाई महीने के दौरान दोनों दो बार घर से भाग चुके थे।
एक सप्ताह पहले अजित पुणे जाने के लिए मुजफ्फरनगर आया हुआ था। उसे पुणे में किसी नए पाठ्यक्रम में प्रवेश लेना था। जब वह पुणे नहीं पहुंचा तो घरवाले परेशान हो गए। इसी बीच पुलिस ने नई मंडी के शांतिनगर क्षेत्र से नागरिकों की सूचना पर मिट्टी में दबी एक युवक का शव बरामद किया। इस युवक का हाथ-पैर काटकर उसकी हत्या की गई थी और शव को मिट्टी में दबा दिया गया था।
युवक की शिनाख्त अजित के रूप में हुई और उसके परिवारवालों की शिकायत पर लड़की के पिता और भाई को पुलिस ने हिरासत में लिया।
पुलिस के अनुसार लड़की के भाई अनुज ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने सामाजिक सम्मान के लिए अजित को काट-काट कर मार डाला।
अजित के चाचा राम किशोर ने उसकी शिनाख्त उसके हाथ पर गुदे ए. एस. नामक अक्षर के आधार पर की थी।
पुलिस इस मामले की अंतिम कड़ी तक पहुंच रही थी तभी रविवार शाम दोनों (अजित और अंशु) थाना नई मंडी पहुंच गए। इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
बताया जा रहा है कि दोनों इस दौरान बिजनौर में रह रहे थे। अजित के परिवारवालों ने उसे मरा मानकर उसकी तेरहवीं भी कर दी थी।
पुलिस अधीक्षक (नगर) राजीव मल्होत्रा और क्षेत्राधिकारी नगर शशि शेखर सिंह दोनों से पूछताछ कर मामले की सच्चाई जानने की कोशिश कर रहे हैं।
साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि जो शव बरामद हुआ था आखिर वह किसका था?
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।